

कैंसर एक घातक बीमारी है जो मौत के करीब ले जाती है। खासकर फेफड़ों का कैंसर। यह शुरू में पहचान में नहीं आता, लेकिन शरीर कुछ संकेत पहले ही देने लगता है। लेकिन कैसे लक्षण, जानने के लिए पढ़ें ये पूरी खबर
लंग कैंसर के लक्षण (IMG- Freepik)
New Delhi: फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) भारत समेत पूरी दुनिया में मौत का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसके लक्षण शुरुआत में मामूली लगते हैं और कई बार लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। जब तक सही पहचान होती है, तब तक यह शरीर में फैल चुका होता है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम इसके प्रारंभिक चेतावनी संकेतों को जानें और समय रहते चिकित्सा सलाह लें।
लगातार खांसी रहना
अगर खांसी तीन हफ्तों से ज्यादा समय तक बनी रहे और घरेलू उपायों से आराम न मिले, तो यह फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। खासतौर पर यदि खांसी सूखी हो या उसमें खून आए तो तुरंत जांच कराएं।
सांस लेने में तकलीफ
सांस फूलना या सामान्य कार्यों के दौरान भी सांस चढ़ जाना, यह फेफड़ों में किसी रुकावट या संक्रमण का लक्षण हो सकता है। यह लंग कैंसर का एक प्रमुख प्रारंभिक संकेत माना जाता है।
सीने में दर्द
जब भी गहरी सांस लेने, खांसने या हंसने पर सीने में दर्द हो, तो यह सामान्य मांसपेशियों का दर्द नहीं, बल्कि फेफड़ों की किसी गहरी बीमारी का संकेत हो सकता है।
आवाज में भारीपन या बदलाव
यदि आपकी आवाज अचानक भारी हो जाए या कर्कश लगे और यह बदलाव लंबे समय तक बना रहे, तो यह वोकल कॉर्ड पर दबाव या ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
थकान और कमजोरी
अगर आप बिना किसी शारीरिक मेहनत के भी थकान महसूस कर रहे हैं या सामान्य ऊर्जा में भारी गिरावट महसूस हो रही है, तो यह कैंसर की एक प्रणालीगत प्रतिक्रिया हो सकती है।
वजन तेजी से घटना
अनचाहे रूप से अचानक वजन कम हो जाना बिना डाइटिंग या व्यायाम के शरीर में कुछ गंभीर गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। फेफड़ों के कैंसर में मेटाबॉलिज्म तेजी से प्रभावित होता है।
बार-बार सांस की बीमारियां होना
लगातार सर्दी, खांसी, निमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां होना और उनका बार-बार लौट आना, यह फेफड़ों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने का संकेत हो सकता है।
किन्हें है ज्यादा खतरा?
1. धूम्रपान करने वाले
2. पैसिव स्मोकिंग के शिकार
3. वायु प्रदूषण वाले क्षेत्र में रहने वाले
4. परिवार में कैंसर का इतिहास होने पर