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स्टार प्लस के पॉपुलर टीवी शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के रिबूट वर्जन में इस हफ्ते भावनाओं और ड्रामे से भरपूर एपिसोड देखने को मिला। अंगद जेल से रिहा हो गया, तुलसी से हुई उसकी भावुक मुलाकात, वहीं पारी की शादी के लिए नया रिश्ता जुड़ता है, लेकिन कुछ पुराने ज़ख्म फिर से उभरते हैं।
क्योंकि सास भी कभी बहू थी, तुलसी (Img: Instagram)
New Delhi: टीवी जगत के सबसे चर्चित शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के रिबूट संस्करण में इस हफ्ते का एपिसोड भावनात्मक उथल-पुथल से भरपूर रहा। ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ हर रात 10:30 बजे स्टार प्लस पर प्रसारित होता है और इसे JioHotstar पर भी स्ट्रीम किया जा सकता है। कहानी में नया मोड़ तब आया जब अंगद जेल से रिहा होकर शांति निकेतन लौटता है, और उसकी माँ तुलसी से उसकी मुलाकात दर्शकों की आंखों को नम कर देती है।
फ्लैशबैक सीन में खुलासा
कहानी की शुरुआत होती है अंगद की जेल से रिहाई से, जहाँ उसके दोस्त समीर ने कोर्ट में गवाही दी कि उसी ने एक्सिडेंट किया था। एक फ्लैशबैक सीन में खुलासा होता है कि असल में अंगद ने अपने दोस्त को बचाने के लिए खुद को दोषी ठहराया था। एक्सिडेंट में किसी को चोट नहीं आई थी, लेकिन मामला फिर भी दर्ज हुआ।
न्यूयॉर्क में करण और नंदिनी इस पूरे मसले पर चर्चा करते हैं। नंदिनी बताती हैं कि उन्होंने तुलसी से बात की है और अब सब ठीक लग रहा है। वह जल्द मुंबई आने की योजना बना रही हैं।
खुशी से किया अंगद का स्वागत
शांति निकेतन में अंगद का स्वागत खुशी से किया जाता है। लेकिन गायत्री, तुलसी पर ताना कसती है कि उसने अपने बेटे पर भरोसा क्यों नहीं किया। इस पर तुलसी भावुक होकर अंगद से खुद को सज़ा देने को कहती है और झाड़ू लेकर उसके सामने खड़ी हो जाती है। अंगद सवाल करता है कि क्या वह अपने दूसरे बेटों गौतम, करण और साहिल से भी यही कहती?
तुलसी आंखों में आंसू लिए माफी मांगती हैं, और मां-बेटे का मिलन पूरे परिवार को भावुक कर देता है। अंगद वादा करता है कि वह दोबारा कभी मां को दुख नहीं देगा।
अपनी हरकतों से बज नहीं आ रही वृंदा की मां
वहीं दूसरी ओर, वृंदा की मां अपने फेक प्लास्टर और ड्रामे से बाज नहीं आतीं। लेकिन जब वृंदा के हाथ में घूस की रकम देखती हैं, तो झगड़ा शुरू हो जाता है। अंत में उनकी मां ही उन्हें तमाचा मारकर सिखाती हैं कि कैसे कठिन परिस्थितियों में पैसे कमाना ज़रूरी हो जाता है।
मिहिर और अंगद के बीच भी एक मार्मिक बातचीत होती है, जहाँ मिहिर उसे हल्दी का शॉट देते हुए विवाह और विश्वास की अहमियत समझाते हैं।
पारी ने मिहिर और तुलसी से मांगी माफ़ी
पारी जो पहले एक गलत रिश्ते में थी, अब मिहिर और तुलसी से माफ़ी मांगती है और कहती है कि वह उनके चुने हुए लड़के से मिलना चाहती है। इसके बाद मिहिर अपने मित्र के बेटे अजय के परिवार से बातचीत की योजना बनाते हैं।
एपिसोड के अंत में वृंदा तुलसी को कॉल करके कहती है कि वह अब एक्सिडेंट की सच्चाई बताने के लिए तैयार है।
अगले एपिसोड के प्रोमो में दिखाया गया है कि वृंदा और तुलसी आमने-सामने होते हैं, वहीं पारी के रिश्ते के लिए आए अजय का परिवार उसे यह कहकर अपमानित करता है कि "हमारे यहां बहुएं रसोई में होती हैं, बिजनेस बेटे संभालते हैं।" मिहिर इस सोच का कड़ा विरोध करते हैं और कहते हैं कि उनके परिवार में बेटियां और बेटे बराबर हैं।