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बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 122 सीटों पर प्रचार रविवार शाम थम गया। 11 नवंबर को वोटिंग और 14 नवंबर को परिणाम आएंगे। नीतीश, तेजस्वी, राहुल और योगी ने अंतिम दिन कई रैलियों में ताकत झोंकी। वहीं भारत-नेपाल सीमा को सुरक्षा के तहत सील कर दिया गया।
बिहार में थम गया चुनावी प्रचार
Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 122 सीटों पर रविवार शाम 5 बजे प्रचार का शोर थम गया। अब 11 नवंबर को इन सीटों पर मतदान होना है, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। जैसे-जैसे मतदान की तिथि करीब आ रही है, सभी राजनीतिक दलों ने दूसरे चरण के प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी। रविवार को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन नेताओं की रैलियों, रोड शो और जनसभाओं से सराबोर रहा।
दूसरे चरण में 17 जिलों की 122 सीटों पर वोटिंग होगी। इनमें पटना, भागलपुर, दरभंगा, सीवान, मुजफ्फरपुर, कैमूर, गया, किशनगंज और पूर्णिया जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं। चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली है। सुरक्षा के लिहाज से भारत-नेपाल सीमा को भी सील कर दिया गया है।
सीमा पर सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है और बॉर्डर से लगे इलाकों में लोगों की आवाजाही पर 11 नवंबर की रात तक रोक लगा दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि सीमावर्ती जिलों में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है, ताकि किसी तरह की अवैध गतिविधि या संदिग्ध घुसपैठ को रोका जा सके।
प्रचार के अंतिम दिन सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) और विपक्षी महागठबंधन दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैमूर जिले के चैनपुर में जदयू प्रत्याशी जमा खान के लिए चुनाव प्रचार किया। मंच से विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि “कुछ लोग केवल अपने परिवार के लिए राजनीति करते हैं। खुद हटे तो पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।” हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट रूप से राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर था।
दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने रविवार को राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 16 जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा और महंगाई के मुद्दों पर नीतीश सरकार को घेरा। तेजस्वी ने जनता से कहा कि “अब बिहार को बदलाव चाहिए, युवाओं को नौकरी चाहिए, झूठे वादे नहीं।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किशनगंज और पूर्णिया में चुनावी सभाएं की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा-जदयू सरकारों ने बिहार को सिर्फ वादे दिए, हकीकत में विकास नहीं किया। राहुल ने रोजगार और किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।
वहीं भाजपा की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बिहार में चार रैलियां की। उन्होंने महागठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि “बिहार को परिवारवाद नहीं, विकास की राजनीति चाहिए। नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी ने राज्य को नई दिशा दी है।”
दूसरे चरण में करीब 2.63 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें लगभग 1.39 करोड़ पुरुष और 1.24 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और संवेदनशील बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है।
अब सभी की नजरें 11 नवंबर पर हैं, जब दूसरे चरण के नतीजे यह तय करने की दिशा में अहम संकेत देंगे कि सत्ता की दौड़ में कौन आगे रहेगा नीतीश की जदयू-भाजपा गठबंधन या तेजस्वी का महागठबंधन।