

अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कन्नौज में अवैध शराब बिक्री का विरोध
कन्नौज: जिले के गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत ब्राहिमपुर गांव में अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और आरोप लगाया कि गांव की परचून की दुकानों पर खुलेआम शराब बेची जा रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जिससे युवाओं और बच्चों में नशे की लत बढ़ती जा रही है।
महिलाओं ने जताई चिंता
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि गांव में शराब की वजह से घरेलू हिंसा, झगड़े और अपराध बढ़ रहे हैं। शराब के चलते पुरुष कामकाज छोड़ नशे में डूबे रहते हैं और घर-परिवार की जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे। गांव में अब बच्चों पर भी इसका असर दिखने लगा है। जिससे उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है।
पुलिस पर माफियाओं से मिलीभगत का आरोप
ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय पुलिस अवैध शराब माफिया से हफ्ता वसूलती है और सिर्फ दिखावे की कार्रवाई करती है। उन्होंने बताया कि गांव में 24 घंटे शराब बिकती है और इसकी जानकारी होने के बावजूद पुलिस कोई ठोस कदम नहीं उठाती।
पकड़े गए शराब माफिया को तुरंत मिली जमानत
दो दिन पहले पुलिस ने एक शराब माफिया को गिरफ्तार किया था, लेकिन उसे तुरंत जमानत मिल गई। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है। उनका कहना है कि पुलिस की यह कार्रवाई सिर्फ दिखावा है। जिससे अपराधियों के हौसले और बढ़ते जा रहे हैं। यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाया तो यह समस्या और भयावह हो जाएगी।
घर की महिलाएं और पुरुष भी इस धंधे में शामिल
ग्रामीणों ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि इस अवैध धंधे में कुछ घरों की महिलाएं और पुरुष भी शामिल हैं। गांव के अंदर ही शराब बनाई और बेची जा रही है, जिससे गांव का माहौल खराब होता जा रहा है।
नहीं रुकी बिक्री तो करेंगे आंदोलन
ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि गांव में अवैध शराब की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए और माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। प्रदर्शन के बाद भी अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। ग्रामीणों की मांग है कि उच्च अधिकारियों को मामले में हस्तक्षेप कर सख्त कदम उठाना चाहिए ताकि गांव को नशामुक्त बनाया जा सके।