

रामपुर हनुमानगंज सर्कल में तैनात राजस्व लेखपाल आदित्य प्रकाश का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह अपने कार्यालय में सोते हुए पाए गए। मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए पूरी खबर
सोते हुए मिले लेखपाल ( सोर्स - इंटरनेट )
Sultanpur: भदैंया विकासखंड के अंतर्गत आने वाली कुछमुछ ग्राम पंचायत में राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। रामपुर हनुमानगंज सर्कल में तैनात राजस्व लेखपाल आदित्य प्रकाश का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह अपने कार्यालय में सोते हुए पाए गए। इस घटना ने न केवल विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि ग्रामीणों में आक्रोश भी पैदा कर दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक कुछमुछ गंगापुर निवासी मोहम्मद रफी ने राजस्व विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लेखपाल और राजस्व निरीक्षक आपस में मिलकर ग्रामीणों से अवैध वसूली करते हैं। उन्होंने बताया कि ये अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के भूमि की पैमाइश के लिए पहुंच जाते हैं और इसके बदले में पैसे की मांग करते हैं। रफी का कहना है कि ग्रामीण डर और दबाव में आकर चुप रहते हैं, लेकिन अब लोग खुलकर आवाज उठाने लगे हैं।
जब इस पूरे मामले में लेखपाल आदित्य प्रकाश से जवाब मांगा गया तो उन्होंने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। उन्होंने टालमटोल भरे अंदाज में कहा कि 'इस विषय को देख लेंगे', और आगे यह भी जोड़ा कि 'अधिकारी उनके संपर्क में हैं, कोई कुछ नहीं कर सकता।' इस प्रकार का बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि यह भ्रष्टाचार और संरक्षण की ओर भी इशारा करता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि लेखपाल जनता की समस्याओं की अनदेखी करते हैं, और कई बार उनके पास जाकर आवेदन देने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती। लोगों का कहना है कि लेखपाल अक्सर कार्यालय से अनुपस्थित रहते हैं, और जब मिलते भी हैं तो या तो आराम करते हुए पाए जाते हैं या फिर बातों को टाल देते हैं।
इस तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार की शिकायतें अब आम हो चुकी हैं, जिससे गांव के किसानों और आम नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भूमि संबंधी विवादों और पैमाइश जैसी जरूरी कार्यों में लेटलतीफी और पैसे की मांग लोगों को प्रशासन से भरोसा उठाने पर मजबूर कर रही है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से लेखपाल की कार्यशैली की जांच कराने और आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है। यदि इस तरह के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई नहीं की गई, तो ग्रामीणों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। फिलहाल, पूरे मामले में जिला प्रशासन की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।