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अलीगढ़ में हुए इस हंगामे ने पूरे जिले में राजनीति और सुरक्षा की चिंता को बढ़ा दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
एसएसपी कार्यालय पर प्रदर्शन
अलीगढ़: जिले में सोमवार को सपा, कांग्रेस और AIMIM के कार्यकर्ता एसएसपी कार्यालय के बाहर बड़ी तादाद में जुट गए। यह प्रदर्शन हिंदूवादी संगठनों द्वारा पशु और मीट कारोबारियों से अवैध वसूली न देने पर की जा रही गुंडागर्दी के खिलाफ था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, कार्यकर्ताओं का आरोप था कि इन संगठनों के लोग मीट कारोबारियों को आतंकित कर रहे हैं और उन्हें भारी रकम की वसूली करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
हिंदूवादी संगठनों का आतंक
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ दिनों से अलीगढ़ में हिंदूवादी संगठनों के लोग मीट कारोबारियों पर दबाव बना रहे हैं। कारोबारियों से अवैध वसूली की जा रही है, और जब कारोबारियों ने इस वसूली का विरोध किया तो उन्हें संगठनों के सदस्यों द्वारा धमकाया और मारपीट की गई। तीन दिन पहले चार युवकों के साथ बीफ मीट का आरोप लगाकर मारपीट की गई, जिससे इलाके में तनाव फैल गया।
मारपीट के विरोध में हंगामा
बीफ मीट के आरोप में हुई मारपीट के विरोध में कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और एसएसपी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि हिंदूवादी संगठनों के लोग मीट कारोबारियों के साथ जबरदस्ती कर रहे हैं, जो कानून के खिलाफ है। इस दौरान अतरौली से सपा के पूर्व विधायक भी प्रदर्शन में शामिल थे, और जब वह प्रदर्शनकारियों के बीच खड़े थे तो अचानक वे जमीन पर गिर पड़े।
एसएसपी ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश
हंगामे के दौरान एसएसपी संजीव सुमन ने केबिन से बाहर निकलकर प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने स्थिति को संभालते हुए पुलिस बल को निर्देश दिए और कहा कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस को जांच के आदेश दिए और मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जांच प्रक्रिया को तेज करने का आश्वासन दिया।
प्रदर्शनकारियों की मांग
प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप था कि पुलिस प्रशासन ने हिंदूवादी संगठनों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, और उनके द्वारा मीट कारोबारियों के खिलाफ की जा रही हिंसा और वसूली को नजरअंदाज किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि मीट कारोबारियों को न्याय मिल सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।