

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती हुई थी। इस मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
शिक्षक भर्ती में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा
मैनपुरी: जिले में वर्ष 2020 की चर्चित 69 हजार शिक्षक भर्ती के तहत नियुक्त 7 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय की ओर से की गई दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया में यह खुलासा हुआ है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इन शिक्षकों के शैक्षिक और प्रशिक्षण संबंधी प्रमाण पत्र ऑनलाइन रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे हैं। जिससे यह पूरा मामला शिक्षक भर्ती घोटाले की ओर इशारा कर रहा है।
कार्रवाई की तैयारी में जुटा विभाग
यह मामला शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित बीएसए कार्यालय से जुड़ा है। जहां फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी पाने वाले सात शिक्षकों की पहचान हो चुकी है। बीएसए कार्यालय ने इन मामलों में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली है और बेसिक शिक्षा विभाग को भेज दी है। विभाग की ओर से इन शिक्षकों की सेवा समाप्त करने (बर्खास्तगी) की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
ऑनलाइन सत्यापन में फंसे फर्जी शिक्षक
69 हजार शिक्षक भर्ती वर्ष 2020 में पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई थी। सरकार की ओर से भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए दस्तावेजों का डिजिटल वेरिफिकेशन शुरू किया गया था। इसी प्रक्रिया के दौरान मैनपुरी जिले में इन 7 शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्र ऑनलाइन डेटाबेस से मेल नहीं खा सके, जिससे इनके फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई।
और भी नाम आ सकते हैं सामने
मामले में आधिकारिक रूप से 7 शिक्षकों के नाम सामने आ चुके हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक जांच अभी जारी है। कई और शिक्षक भी संदेह के घेरे में हैं, जिनके दस्तावेजों की गोपनीय जांच कराई जा रही है। विभाग ने साफ संकेत दिए हैं कि जैसे ही जांच पूरी होगी, एक और बड़ी कार्रवाई सामने आ सकती है।
बेसिक शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
इस खुलासे के बाद जिले के शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। विभागीय अधिकारी अब शेष सभी नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों की भी दोबारा जांच कराने पर विचार कर रहे हैं, ताकि भर्ती में कोई अन्य अनियमितता न छुपी रह जाए।