

नारायणपुर गंगा में मंगलवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक मां ने अपने 10 साल के बेटे के साथ विवाद के बाद जहर खाकर आत्महत्या कर ली। गांव में घटना के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है और परिजनों का बुरा हाल है।
जांच करते हुए पुलिस अफसर
Shahjahanpur: शाहजहांपुर के बंडा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गंगा गांव में मंगलवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। 32 वर्षीय महिला आरती ने अपने दस वर्षीय बेटे प्रतीक के साथ जहर खाकर अपनी जान दे दी। यह घटना एक मामूली पारिवारिक विवाद के बाद घटी, जब महिला ने गुस्से में आकर इतना बड़ा कदम उठाया।
गांव के निवासी पंकज अग्निहोत्री, जो एक किसान हैं, के घर मंगलवार शाम बच्चों के बीच किसी छोटी सी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। पंकज ने झगड़ा शांत करने की कोशिश की और फिर रामलीला मेला देखने के लिए घर से बाहर निकल गए। इस दौरान उनकी पत्नी आरती नाराज हो गई और गुस्से में आकर कीटनाशक का सेवन कर लिया।
जांच करते हुए पुलिस अफसर
आरती ने सिर्फ अपनी जान नहीं ली, बल्कि उसने अपने बेटे प्रतीक के खाने में भी कीटनाशक मिला दिया। कुछ समय बाद दोनों की हालत बिगड़ने लगी। जब पंकज मेला देखकर घर लौटे, तो घर का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत दोनों को बंडा सीएचसी अस्पताल पहुँचाया, जहां से उन्हें गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
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अस्पताल में दोनों का इलाज जारी था, लेकिन बुधवार सुबह दोनों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह घटना पूरे परिवार के लिए एक गहरा सदमा बन गई है। गांव में इस दुखद घटना के बाद शोक की लहर दौड़ गई है और परिजनों का बुरा हाल है।
आरती और प्रतीक की मौत से पूरे गांव में सन्नाटा छा गया है। परिवार और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी स्थिति देखकर यह साफ समझा जा सकता है कि यह घटना कितनी चौंकाने वाली और दिल को झकझोर देने वाली थी। इस बात को लेकर कोई भी व्यक्ति विश्वास नहीं कर पा रहा था कि बच्चों के मामूली झगड़े पर आरती ऐसा कदम उठा सकती है।
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गांव के लोगों का कहना है कि वह जानने के बाद बहुत हैरान हैं कि पारिवारिक झगड़े को लेकर एक मां ने इस तरह की कड़ी कार्रवाई की। उनका मानना है कि मानसिक तनाव और पारिवारिक विवादों का समाधान शांति और समझदारी से करना चाहिए, न कि आत्महत्या जैसे खौफनाक कदम उठाकर।