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22 साल पुराने दोहरे हत्याकांड मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया। जिसमें पीड़ितों को न्याय मिला। न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाते हुए आर्थिक दंड भी लगाया।
जिला न्यायालय फर्रुखाबाद (फाइल फोटो)
Farrukhabad News: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में 22 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिला जज नीरज कुमार की अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने साथ ही पांचों पर जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया की लंबी लड़ाई के बाद आया, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद मिली है।
क्या है मामला?
यह हत्याकांड शमसाबाद थाना क्षेत्र के दुदहा गांव का है। जहां 5 अगस्त 2003 को रूपराम और उनके बेटे रामपाल की खेत में काम करते समय हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य वारदात की एफआईआर रामविलास ने अपने पांच भाइयों समेत कुल सात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी। हत्या के पीछे पुरानी रंजिश को वजह बताया गया।
रंजिश की जड़ में एक और हत्या
इस दोहरे हत्याकांड की पृष्ठभूमि में एक और हत्या छिपी थी। दरअसल, रूपराम के भाई रूपलाल की कुछ समय पहले संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी और उसका शव कटरी इलाके में मिला था। इस मामले में रूपलाल के बेटे महावीर ने रामविलास के भाई रूपराम समेत अन्य पर हत्या का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसी रंजिश ने धीरे-धीरे खूनी संघर्ष का रूप ले लिया, जो अंततः रूपराम और रामपाल की हत्या में बदल गया।
कोर्ट का निर्णय
करीब 22 वर्षों की लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने सूरजपाल, महावीर, राकेश, लेखराम और बहादुर को हत्या का दोषी पाया। जिला जज नीरज कुमार ने पांचों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए आर्थिक दंड भी लगाया। सूरजपाल, महावीर और राकेश पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। लेखराम और बहादुर पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। मामले का एक आरोपी भंवरपाल पहले ही मृत्यु को प्राप्त हो चुका है, जिसके चलते उसके खिलाफ कार्यवाही समाप्त हो गई।
न्याय की प्रतीक्षा पूरी
पीड़ित परिवार के लिए यह फैसला वर्षों की प्रतीक्षा का अंत है। इस दोहरे हत्याकांड ने पूरे गांव में दहशत फैला दी थी और परिवारों को हमेशा के लिए तोड़ दिया था। अब जब अदालत ने दोषियों को सजा दी है, तो न्याय व्यवस्था में आम जनता का भरोसा और मजबूत हुआ है।