

यमन में फांसी की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को राहत मिली है। केरल की रहने वाली निमिषा को 16 जुलाई को यमनी नागरिक की हत्या के मामले में फांसी दी जानी थी, लेकिन भारत सरकार और धार्मिक नेताओं के हस्तक्षेप के बाद सजा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। अब ब्लड मनी के जरिए समाधान निकालने की कोशिश हो रही है।
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली राहत
New Delhi: केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई 2025 को दी जाने वाली फांसी की सजा को स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला भारत सरकार के लगातार राजनयिक प्रयासों और केरल के प्रभावशाली सुन्नी मुस्लिम नेता कंथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार की पहल के चलते संभव हुआ है। फिलहाल, निमिषा यमन की राजधानी सना की जेल में बंद हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, निमिषा प्रिया पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तालाल अब्दो महदी की हत्या कर दी थी। यमन की अदालत ने 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी और 2023 में उनकी अंतिम अपील खारिज हो गई थी। इसके बाद यमन ने 16 जुलाई 2025 को फांसी की तारीख तय की थी।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी
निमिषा की मां और बेटी ने भारत के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें सरकार से फांसी रुकवाने की मांग की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल (AGI) ने बताया कि भारत सरकार यमन के अधिकारियों के साथ नियमित संवाद में है और मृतक के परिवार से सुलह के प्रयास कर रही है। जब तक बातचीत जारी है, यमन सरकार ने फांसी को स्थगित करने पर सहमति जताई है।
धार्मिक नेता की अहम भूमिका
इस मामले में केवल सरकार ही नहीं, बल्कि केरल के धार्मिक नेता कंथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार ने भी बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने यमन के प्रमुख सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हफीज के माध्यम से मृतक के परिवार से बातचीत शुरू करवाई। उनकी पहल पर यमन सरकार ने फांसी टालने की अनुमति दी है, जब तक कि यह संवाद जारी है।
क्या है ब्लड मनी और कैसे रुक सकती है फांसी?
यमन में शरिया कानून के तहत हत्या के मामलों में ब्लड मनी (मुआवजा) का प्रावधान होता है। इसमें आरोपी पक्ष मृतक के परिवार को वित्तीय मुआवजा देता है। अगर मृतक का परिवार इस मुआवजे को स्वीकार कर लेता है, तो मौत की सजा रद्द की जा सकती है। पहले ऐसा माना जा रहा था कि मृतक के परिवार से संपर्क करना असंभव होगा, लेकिन अब मृतक का एक करीबी रिश्तेदार जो होदेइदाह राज्य न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश और यमन की शूरा काउंसिल का सदस्य है, बातचीत में शामिल हो गया है।