Crime in Gorakhpur: गोरखपुर में बिटकॉइन ट्रेडिंग के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, सिवान का शातिर सुशान्त कुमार गिरफ्तार

बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म का हवाला देकर लोगों से मोटा पैसा हड़पने वाले एक शातिर ठग को गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 26 June 2025, 7:31 PM IST
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गोरखपुर : बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म का हवाला देकर लोगों से मोटा पैसा हड़पने वाले एक शातिर ठग को गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सुशान्त कुमार ने फर्जी ट्रेडिंग कंपनी बनाकर निवेशकों को "गारंटीड रिटर्न" का झांसा दिया और जैसे ही अच्छी-खासी रकम इकट्ठी हुई, कंपनी बंद कर फरार हो गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज कारन नैयर के निर्देशन और पुलिस अधीक्षक नगर के मार्गदर्शन में, कैण्ट थाना पुलिस ने हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य आरोपी को बिहार के सिवान जनपद से गिरफ्तार कर लिया।

बिटकॉइन में "सुनहरा भविष्य" दिखाकर लगाया चूना

डाइनामाइट रिपोर्ट अनुसार व पुलिस के मुताबिक, आरोपी सुशान्त कुमार पुत्र सुनील कुमार, निवासी बलिया, थाना दरौली, जिला सिवान (बिहार) ने खुद को क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सपर्ट बताते हुए कई लोगों से संपर्क साधा। उसने एक कथित ट्रेडिंग फर्म के ज़रिए उन्हें बिटकॉइन में निवेश करवाया, यह कहकर कि कुछ ही महीनों में दोगुना रिटर्न मिलेगा। शुरुआत में मामूली रिटर्न देकर लोगों का भरोसा जीता, और फिर भारी भरकम रकम वसूलने के बाद अचानक कंपनी बंद कर फरार हो गया।

केस दर्ज, टीम ने दी दबिश

आरोपी के खिलाफ थाना कैण्ट में मु0अ0सं0 340/2025 अंतर्गत धारा 316(2), 318(4), 61(2), 336(3), 340 BNS के तहत केस दर्ज किया गया था। पुलिस टीम उ0नि0 कमलेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में का0 शुभम कुमार व का0 ताज विजय ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए आरोपी को दबोच लिया।

पुलिस की अपील

गोरखपुर पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी निवेश स्कीम या ऑनलाइन ट्रेडिंग के झांसे में न आएं। किसी भी योजना में पैसा लगाने से पहले उसकी वैधता की जांच जरूर करें।

आगे की कार्रवाई जारी

गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ जारी है और यह आशंका जताई जा रही है कि उसने कई जनपदों में इसी तरह के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। पुलिस टीम अन्य सहयोगियों और संभावित निवेशकों की सूची भी खंगाल रही है। गोरखपुर पुलिस की ये कार्रवाई न सिर्फ एक ठग को जेल की सलाखों तक ले गई, बल्कि निवेश के नाम पर चल रही साइबर ठगी के नेटवर्क पर भी बड़ा वार साबित हो सकती है।

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