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उत्तर प्रदेश में प्रेम विवाह के लिए जिद करती अंशु की हत्या उसके पिता और मां ने की। शव को इटावा ले जाकर यमुना नदी में फेंकने की योजना बनाई गई थी। पुलिस ने सभी अवशेष बरामद कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे, आरोपी पिता-मां पर मुकदमा दर्ज।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
Agra: उत्तर प्रदेश में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक युवती अंशु की अपनी जिद के कारण हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, अंशु सामाजिक रूप से अपने प्रेमी के साथ विवाह करना चाह रही थी, जबकि उसके पिता शादी के लिए तैयार थे, लेकिन भागकर शादी के लिए दबाव बना रहे थे। जब अंशु ने पिता के दबाव के खिलाफ खड़ी होकर अपनी इच्छा जताई, तो उसके पिता ने उसे हत्या का निशाना बनाया, जिसमें मां का भी सहयोग रहा।
डीसीपी पश्चिमी जोन अतुल शर्मा के अनुसार एसीपी सैंया डॉ. सुकन्या शर्मा और प्रभारी निरीक्षक विनोद मिश्र ने पूरे मामले की जांच की। आरोपी रणवीर सिंह ने पूछताछ में बताया कि अंशु के प्रेम संबंध उनके रिश्तेदार के नाती से थे। वह 2022 तक शादी के लिए तैयार थे, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद रिश्तेदार तरह-तरह की बातें करने लगे। रणवीर ने बेटी से कहा कि वह खुद जाकर शादी कर ले लेकिन अंशु ने सामाजिक रूप से स्वीकृत विवाह की इच्छा जताई।
पुलिस के मुताबिक, अंशु अपने प्रेमी अनुराग से मोबाइल और सहेली की मदद से संपर्क बनाए रखती थी। 24 अक्टूबर को उसने वीडियो भेजकर जान का खतरा जताया था। यह वीडियो कई रिश्तेदारों तक पहुंच गया, जिससे अंशु के पिता और मां को जानकारी हुई। 25 अक्टूबर की सुबह 8 बजे पिता ने अंशु से विवाद किया। गुस्से में उन्होंने अंशु के गले में दुपट्टा डालकर दबाना शुरू किया और मां ने उसे रोकने की बजाय उसे पकड़ लिया।
हत्या के बाद रणवीर और मां ने शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। सुबह 10 बजे शव को कार की डिक्की में रखा और इटावा ले गए। टोल के कैमरे में 1 बजे यह कैद हो गया। इसके बाद रणवीर ने अपने साले सतीश से सलाह की। सतीश ने सुझाव दिया कि शव को यमुना नदी में फेंक दिया जाए। प्रेमी अनुराग को अंशु से संपर्क नहीं होने पर उसकी सहेली ने जानकारी दी। इसके बाद अनुराग ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जांच में पता चला कि रणवीर ने घर के CCTV फुटेज डिलीट कर दिए। डीवीआर में केवल सात दिन तक फुटेज सुरक्षित रहती थी। जब अनुराग की याचिका की भनक लगी, तो उन्होंने गुमशुदगी दर्ज करा दी और पुलिस को प्रेमी के बारे में जानकारी नहीं दी। एसीपी सैंया डॉ. सुकन्या शर्मा के अनुसार, 9 दिसंबर को टीम इटावा में शव की तलाश में गई। वहां कुर्ता और बाल मिले। बाद में पुलिस ने खोपड़ी, जबड़ा, हाथ और दुपट्टा बरामद किए। इन सभी अवशेषों को फॉरेंसिक लैब में भेजा जाएगा और DNA मिलान के बाद आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य जुटाए जाएंगे।
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एसीपी ने बताया कि शव के अवशेष मिलना आसान नहीं था। घटना के 50 दिन बाद पुलिस ने इटावा और यमुना नदी के आसपास सर्च किया। पहले कुर्ता और बाल मिले, फिर दुपट्टा, जबड़ा और खोपड़ी। पुलिस के मुताबिक, जैसे फिल्मों में शव की तलाश दिखाई जाती है, उसी तरह अंशु के शव का खुलासा किया गया।