

छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती आखिरकार आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी लगातार होटलों में ठिकाना बदलते हुए फरार था और जांच में कोई सहयोग नहीं कर रहा था। उसके पास से मिले फर्जी दस्तावेज, एआई से बनी तस्वीरें।
चैतन्यानंद सरस्वती
New Delhi: छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती को दिल्ली पुलिस ने रविवार तड़के 3:30 बजे आगरा के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए यह बाबा वृंदावन, मथुरा और आगरा के सस्ते होटलों में लगातार जगह बदलता रहा। पुलिस को चकमा देने के लिए टैक्सियों का सहारा लिया और अपना असली नाम तक छुपाया।
छोटे होटलों में रुकने और ठिकाना बदलने की रणनीति के पीछे उसकी योजना यही थी कि कोई पहचान न सके और पुलिस उस तक न पहुंचे। यह बाबा करोड़ों की संपत्ति का मालिक है, लेकिन जांच में बेहद असहयोगी रहा। पूछे गए हर सवाल का जवाब "नहीं" में देने की उसकी रणनीति ने पुलिस को सख्त रवैया अपनाने पर मजबूर कर दिया।
गिरफ्तारी के समय चैतन्यानंद के पास से एक आईपैड और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए। एक फोन में परिसर और छात्रावास के सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिनसे पता चला कि वह छात्राओं की गतिविधियों पर लगातार नजर रखता था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बाबा और उसके सहयोगी खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से जुड़ा बताते थे और कई लोगों को फोन कर इस निकटता का दावा करते थे। जांच में अब यह भी सामने आ रहा है कि बाबा ने खुद को "भारत का विशेष दूत" तक घोषित कर रखा था।
चैतन्यानंद सरस्वती
पुलिस को आरोपी के कमरे से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्रियों के साथ उसकी तस्वीरें मिली हैं, जो प्रारंभिक जांच में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से बनाई गई प्रतीत हो रही हैं। पुलिस ने इन सभी तस्वीरों और दस्तावेजों को जब्त कर जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा आरोपी के पास से फर्जी विजिटिंग कार्ड भी बरामद हुए हैं।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपी 4 अगस्त को दिल्ली से फरार हो गया था। जांच में पता चला है कि इस दौरान उसने 50 लाख रुपये से अधिक की राशि अपने बैंक खातों से निकाल ली थी। हैरानी की बात यह है कि खाता खुलवाते समय उसने अलग-अलग पहचान पत्र और दस्तावेज जमा कराए थे, जिससे धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। इस पर पहले से भी दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक 2009 में डिफेंस कॉलोनी थाने में और दूसरा 2016 में वसंत कुंज इलाके में।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी के वकील ने अदालत में कहा कि उनका मुवक्किल मधुमेह का मरीज है और उसे बेचैनी की समस्या है। उसका कहना था कि "मेरे भिक्षु वस्त्र छीन लिए गए हैं और मुझे पुलिस हिरासत में परेशान किया जा रहा है।" हालांकि पीड़िताओं के वकील का कहना था कि आरोपी से पीड़िताओं का सामना कराना जरूरी है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। उसके पास से जब्त आईपैड और आईक्लाउड के पासवर्ड अब तक उसने नहीं बताए हैं, जिससे डिजिटल साक्ष्य को खंगालने में दिक्कत आ रही है।
चैतन्यानंद सरस्वती मूल रूप से ओडिशा का निवासी है। उसने एक आश्रम में 12 वर्षों तक संचालन का जिम्मा संभाला था और फिलहाल दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में निदेशक के पद पर कार्यरत था। उसका दावा है कि उसने एमबीए और पीएचडी शिकागो यूनिवर्सिटी से की है। साथ ही वह 28 किताबें और 143 रिसर्च पेपर लिख चुका है।
• चैतन्यानंद की किताब "Forget Classroom Learning" में दावा है कि स्टीव जॉब्स ने इसकी प्रस्तावना लिखी है।
• एक अन्य किताब "Transforming Personality" को लेकर दावा है कि बराक ओबामा ने अपने चुनाव अभियान में इसका जिक्र किया था।
• वर्ष 2007 में इस किताब को यूरोप और उत्तरी अमेरिका में सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तकों में शामिल बताया गया है।