Chhattisgarh: सुकमा में बड़ा नक्सली हमला, ब्लास्ट में ASP शहीद, कई जवान घायल

सुकमा जिले में प्रेशर बम विस्फोट में कोंटा क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आकाश राव गिरिपंजे गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान शहीद पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज पर

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 9 June 2025, 4:05 PM IST
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सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में प्रेशर बम विस्फोट में कोंटा क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आकाश राव गिरिपंजे गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान शहीद हो गए। वहीं इस घटना से कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक,  राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि विस्फोट में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (कोंटा क्षेत्र) आकाश राव गिरिपंजे गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। गिरिपंजे 2013 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी थे।

10 जून को नक्सलियों द्वारा घोषित बंद के मद्देनजर पैदल

शर्मा गृह विभाग भी संभालते हैं। बस्तर क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों के मुताबिक,जिले के कोंटा क्षेत्र के अंतर्गत कोंटा-एराबोरा मार्ग पर डोंड्रा गांव के पास प्रेशर बम विस्फोट में एएसपी गिरीपंजे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने बताया कि गिरिपंजे को अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कोंटा क्षेत्र के एएसपी गिरिपंजे और अन्य पुलिस अधिकारी तथा जवान 10 जून को नक्सलियों द्वारा घोषित बंद के मद्देनजर पैदल गश्त पर गए थे।

वीरता पुरस्कारों से सम्मानित

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शामरा ने घटना के बारे में बताया कि कोंटा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा के पास आईईडी विस्फोट में घायल होने के बाद एएसपी सुकमा आकाश राव गिरिपंजे ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। वे एक बहादुर जवीन थे और उन्हें कई वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। यह हमारे लिए दुखद क्षण है। सर्च और कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।इससे पहले 6 जनवरी 2025 को बीजापुर जिले में एक बड़े नक्सली हमले में 9 लोग शहीद हो गए थे, जिसमें 8 सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक ड्राइवर शामिल थे।

राज्य में नक्सल विरोधी अभियान के लिए चुनौती

जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर किए जाने वाले  नक्सलियों द्वारा ऐसे हमले राज्य में नक्सल विरोधी अभियान के लिए चुनौती बने हुए हैं। हालांकि सुरक्षा बलों को लगातार मिल रहे समर्थन से नक्सलियों की हताशा साफ नजर आ रही है। मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के लिए नक्सलियों द्वारा बनाई गई आईडी अब बड़ी चुनौती बन गई है।

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