Explainer: भारत और पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में कितना अंतर? दानें कैसी है दोनों देशों की आर्थिक स्थिति

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे सप्ताह कमी दर्ज की गई है। 3 अक्टूबर तक यह घटकर 699.96 बिलियन डॉलर हो गया है, जो 700 बिलियन डॉलर के ऐतिहासिक स्तर से नीचे है। गिरावट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में कमी के कारण हुई है।

Updated : 11 October 2025, 12:38 PM IST
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New Delhi: भारत और पाकिस्तान दोनों के विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति हाल के समय में महत्वपूर्ण बदलावों से गुजर रही है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार जहां थोड़ी गिरावट को दर्शाता है, वहीं पाकिस्तान में थोड़ी वृद्धि हुई है। इस वृद्धि और गिरावट के पीछे कई कारक हैं, जिनका प्रभाव इन दोनों देशों की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। आइए, विस्तार से समझते हैं।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार: गिरावट और उसका कारण

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अक्टूबर, 2025 तक 276 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 699.96 बिलियन डॉलर रह गया है। यह आंकड़ा 700 बिलियन डॉलर के स्तर से थोड़ा नीचे है। यह लगातार दूसरा सप्ताह है, जब भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी गई है। पिछले सप्ताह यह 2.334 बिलियन डॉलर घटकर 700.236 बिलियन डॉलर पर था।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक, इस गिरावट का प्रमुख कारण विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets - FCA) का कम होना है। FCA में 4.049 बिलियन डॉलर की कमी आई, जिससे यह घटकर 577.708 बिलियन डॉलर हो गया। जब विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों की बात की जाती है, तो इसमें न केवल अमेरिकी डॉलर, बल्कि यूरो, पाउंड स्टर्लिंग और येन जैसी विदेशी मुद्राएं भी शामिल होती हैं। इस प्रकार, जब डॉलर की तुलना में अन्य मुद्राओं की कीमत घटती है, तो FCA पर इसका प्रभाव पड़ता है।

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इसके अलावा, भारत के विशेष आहरण अधिकार (SDR) में भी मामूली वृद्धि देखी गई है। 3 अक्टूबर तक SDR में 2.5 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई, जिससे इसका कुल मूल्य 18.814 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।

गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी

हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार घटा है, लेकिन भारत के गोल्ड रिजर्व में 3.753 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जो 98.77 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। यह भारत के कुल रिजर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस प्रकार भारत अब भी दुनिया के उन देशों में शामिल है जिनके पास मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार है।

India Pakistan Forex Reserve

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

भारत की मजबूती

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भले ही कुछ घटा हो, लेकिन यह अभी भी दुनिया के सबसे मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों में से एक है। विशेष रूप से, भारतीय रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त मुद्रा भंडार मौजूद है, जो किसी भी आपातकालीन आर्थिक स्थिति से निपटने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, भारत की इंपोर्ट और एक्सपोर्ट की स्थिति भी अच्छी है, जो देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रखती है।

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार: वृद्धि के संकेत

वहीं, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में हाल के दिनों में वृद्धि देखने को मिली है। 3 अक्टूबर, 2025 तक पाकिस्तान के स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के विदेशी मुद्रा भंडार में 2 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई है, जिससे यह 14.42 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। पिछले हफ्ते भी पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.1 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई थी।

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पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा स्थिति को लेकर एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि देश को भारी कर्ज और वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में, पाकिस्तान के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह वृद्धि बहुत सीमित है और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए बहुत कम है। पाकिस्तान के पास अभी भी पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार नहीं है जो उसे अपनी आर्थिक संकटों से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम बनाए।

पाकिस्तान की मुद्रा संकट और कर्ज

पाकिस्तान की मुद्रा और कर्ज संकट का प्रभाव उसके विदेशी मुद्रा भंडार पर साफ तौर पर देखा जा सकता है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार, एक समय था जब यह काफी मजबूत था, लेकिन अब यह देश के वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। इसके अलावा, पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के बावजूद, देश की मुद्रास्फीति दर उच्च है और कर्ज की राशि भी बढ़ रही है।

India Pakistan Forex Reserve

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

इस बीच, पाकिस्तान को आईएमएफ से राहत प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता की आवश्यकता हो सकती है। इसके साथ ही, पाकिस्तान की सरकार को अपने आर्थिक ढांचे में सुधार लाने की जरूरत है, ताकि विदेशी मुद्रा भंडार में स्थिरता और वृद्धि हो सके।

भारत और पाकिस्तान के बीच तुलना

भारत और पाकिस्तान दोनों के विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति में अंतर है। जहां भारत के पास 700 बिलियन डॉलर के करीब विदेशी मुद्रा भंडार है, वहीं पाकिस्तान का भंडार सिर्फ 14.42 बिलियन डॉलर तक पहुंच पाया है। इस अंतर को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भारत की आर्थिक स्थिति और विदेश व्यापार के लिहाज से पाकिस्तान से कहीं अधिक मजबूत है।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार उच्च है, जो उसे वैश्विक आर्थिक संकटों से बचाव में मदद करता है। इसके अलावा, भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ी विविधता है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, कृषि और सेवा क्षेत्र शामिल हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हालांकि इसी तरह की विविधता से लैस नहीं है, और उसे कर्ज संकट और आर्थिक स्थिरता की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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भारत और पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति दोनों देशों की आर्थिक स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधों को प्रभावित करती है। भारत जहां अपनी आर्थिक ताकत से वैश्विक स्तर पर प्रमुख स्थान बनाए हुए है, वहीं पाकिस्तान को अपनी विदेशी मुद्रा स्थिति को सुधारने और वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए कई संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता है।

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  • New Delhi

Published : 
  • 11 October 2025, 12:38 PM IST