Tariff War: चीन की हरकतों पर ट्रंप का पलटवार, जानिए कुकिंग ऑयल व्यापार को लेकर क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति

अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर फिर तेज़ हो गया है। ट्रंप ने चीन पर सोयाबीन न खरीदने का आरोप लगाते हुए कुकिंग ऑयल और अन्य व्यापारिक वस्तुओं का लेन-देन खत्म करने की चेतावनी दी है। इसका असर वैश्विक बाजार पर पड़ सकता है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 15 October 2025, 9:29 AM IST
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Washington/Beijing: अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर एक बार फिर गंभीर रूप लेता जा रहा है। दोनों देशों के बीच पहले से ही जारी आर्थिक तनाव अब और गहरा हो गया है, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 में फिर से चुनाव जीतने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को खुली धमकी देते हुए कुकिंग ऑयल का व्यापार खत्म करने की बात कही है।

ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट करते हुए चीन पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है। ट्रंप ने कहा, 'मुझे लगता है कि चीन जानबूझकर हमसे सोयाबीन नहीं खरीद रहा है और हमारे किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है। यह एक आर्थिक हमला है। हम बदले में चीन से कुकिंग ऑयल और अन्य वस्तुओं का व्यापार खत्म करने पर विचार कर रहे हैं।'

सोयाबीन बना विवाद की जड़

दरअसल, चीन लंबे समय से अमेरिका से सोयाबीन का सबसे बड़ा खरीदार रहा है। साल 2024 में चीन ने अमेरिका से लगभग 2.7 करोड़ टन सोयाबीन खरीदा था, जिसकी कुल कीमत लगभग 12.8 अरब डॉलर थी। लेकिन मई 2025 से चीन ने अचानक अमेरिकी सोयाबीन की खरीद पर रोक लगा दी। माना जा रहा है कि यह फैसला चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी टैरिफ का जवाब देने के लिए लिया।

Soybeans oil

कुकिंग ऑयल व्यापार तोड़ने की चेतावनी

इसके जवाब में अमेरिका ने भी कड़ा रुख अपनाया है और अब कुकिंग ऑयल के आयात पर रोक लगाने की धमकी दी है।

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कुकिंग ऑयल पर अमेरिका की बड़ी पकड़

2024 में चीन के कुकिंग ऑयल एक्सपोर्ट का 43 प्रतिशत हिस्सा अकेले अमेरिका ने खरीदा था। यदि ट्रंप का यह निर्णय अमल में आता है, तो बीजिंग को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसके अलावा इससे फूड सप्लाई चेन और बायोफ्यूल इंडस्ट्री पर भी असर पड़ेगा, जो दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से अहम मानी जाती हैं।

दोनों देशों में व्यापार युद्ध का असर

चीन और अमेरिका के बीच इस टैरिफ वॉर का असर केवल दोनों देशों तक सीमित नहीं रहेगा। वैश्विक बाजारों, कमोडिटी एक्सचेंज और विकासशील देशों की फूड सप्लाई व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। यदि अमेरिका चीन से कुकिंग ऑयल और अन्य कृषि उत्पादों का आयात बंद करता है, तो कच्चे माल की कीमतें वैश्विक स्तर पर बढ़ सकती हैं।

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किसानों और आम जनता पर प्रभाव

ट्रंप की यह घोषणा अमेरिकी किसानों को राहत देने के उद्देश्य से की गई है, जो चीन द्वारा सोयाबीन की खरीद रोकने से प्रभावित हुए हैं। हालांकि कुकिंग ऑयल जैसे आवश्यक उत्पादों के दाम बढ़ने से अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

Location : 
  • Washington

Published : 
  • 15 October 2025, 9:29 AM IST