

टी. सतीशकुमार ने 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़कर अपने डूबते दूध कारोबार को संभाला और आज 2,000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी। अब उनकी कंपनी Milky Mist 2,035 करोड़ रुपय का IPO लॉन्च कर शेयर बाजार में उतरने को तैयार है।
मिल्की मिस्ट डेयरी के मालिक टी. सतीश कुमार
New Delhi: उम्र सिर्फ एक संख्या है, अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना साकार हो सकता है। इस कहावत को हकीकत में बदल कर दिखाया है टी. सतीशकुमार ने, जिन्होंने महज 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़कर अपने डूबते हुए पारिवारिक दूध कारोबार को संभाला और आज एक 2,000 करोड़ रुपय से ज्यादा की कंपनी के मालिक बन चुके हैं। अब उनकी कंपनी 'मिल्की मिस्ट' (Milky Mist) शेयर बाजार में कदम रखने जा रही है। कंपनी ने 2,035 करोड़ रुपय के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की घोषणा की है, जिससे उसे नई ऊंचाइयां छूने की उम्मीद है।
बात 1994 की है, जब सतीशकुमार महज 16 साल के थे। उनका परिवार दूध का कारोबार करता था, लेकिन इस बिजनेस में मुनाफा कम था और दूध जल्दी खराब हो जाने की वजह से घाटा लगातार बढ़ता जा रहा था। परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। ऐसे में सतीश ने स्कूल छोड़ने का फैसला लिया और फैमिली बिजनेस को नई दिशा देने की ठानी।
सतीशकुमार ने जल्द ही महसूस किया कि दूध की तुलना में पनीर, दही और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स में ज्यादा मुनाफा और लंबी शेल्फ लाइफ होती है। उन्होंने अपने बिजनेस को दूध से हटाकर वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स की तरफ मोड़ा। 1995 तक 'मिल्की मिस्ट' ने पनीर, दही, घी, मक्खन और आइसक्रीम जैसे उत्पादों का उत्पादन शुरू कर दिया। यह रणनीति सफल रही और धीरे-धीरे ब्रांड एक नई पहचान बनाने लगा।
Milky Mist की कहानी (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
मिल्की मिस्ट के पास आज 2,000 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर हैं और पूरे देश में 15,000 ब्रांडेड चिलर काम कर रहे हैं। तमिलनाडु के पेरुंदुरई में कंपनी का 55 एकड़ में फैला प्लांट हर दिन 15 लाख लीटर दूध प्रोसेस करता है। खास बात यह है कि कंपनी 67,000 किसानों से दूध प्राप्त करती है, वो भी बिना किसी औपचारिक कॉन्ट्रैक्ट के। सिर्फ पशु चिकित्सा, चारा सब्सिडी और वित्तीय सहायता जैसे तरीकों से किसानों की वफादारी बनाई गई है। हाल ही में मिल्कलेन के साथ 400 करोड़ रुपय की डील हुई है जिससे 10,000 और किसानों से प्रीमियम दूध लिया जाएगा।
अब कंपनी 2,035 करोड़ रुपय के IPO के साथ दलाल स्ट्रीट पर उतर रही है। इसमें 1,785 करोड़ रुपय का फ्रेश इश्यू और 250 करोड़ रुपय का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। इस फंड से कंपनी 750 करोड़ रुपय का कर्ज चुकाएगी। इसके अलावा 414.7 करोड़ रुपय से दही, क्रीम चीज़ और मट्ठा के प्लांट की क्षमता का विस्तार किया जाएगा और 129.4 करोड़ रुपय कोल्ड-चेन गियर में निवेश किए जाएंगे।
वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का रेवेन्यू 29% बढ़कर 2,349.5 करोड़ रुपय पहुंच गया है, जबकि मुनाफा 137% की छलांग लगाकर 46 करोड़ रुपय हो गया है। हालांकि दक्षिण भारत में कंपनी को अमूल और नेस्ले जैसी बड़ी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन पनीर सेगमेंट में मिल्की मिस्ट की पकड़ मजबूत बनी हुई है।
टी. सतीशकुमार की कहानी भारतीय उद्यमिता की एक प्रेरणादायक मिसाल है, जहां कम उम्र, सीमित संसाधन और कठिनाइयाँ भी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकीं। अब सभी की निगाहें उनके IPO की सफलता पर टिकी हैं, जो एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है।
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