

देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS पुराने स्किल वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है। ऑटोमेशन और नई तकनीकों के चलते अब पुरानी दक्षता कारगर नहीं रही। कंपनी 2 साल की सैलरी तक का कंपनसेशन देकर कर रही है सम्मानजनक विदाई।
TCS में बेंच पर बैठे कर्मचारी होंगे बाहर
New Delhi: देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) आने वाले महीनों में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। कंपनी की योजना है कि अगले साल तक लगभग 12,000 कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया जाए। ये वे कर्मचारी होंगे जिनकी तकनीकी दक्षता और स्किल सेट अब कंपनी की वर्तमान आवश्यकताओं और बदलते टेक्नोलॉजी के साथ मेल नहीं खा पा रही हैं।
कंपनी ने इस कदम को भविष्य की जरूरतों और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए उठाया है। टीसीएस के सीईओ के. कृतिवासन के मुताबिक, 'यह अब तक का सबसे कठिन निर्णय है, लेकिन कंपनी के भविष्य और प्रतिस्पर्धात्मकता को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक हो गया है।'
टीसीएस की छंटनी प्रक्रिया खास तौर पर उन कर्मचारियों को टारगेट कर रही है जो बीते कई महीनों से बेंच पर हैं, यानी जिन्हें किसी प्रोजेक्ट में नियुक्त नहीं किया गया है। उदाहरण के तौर पर, जो कर्मचारी 8 महीने से प्रोजेक्ट से बाहर हैं, उन्हें तीन महीने की सैलरी देकर कंपनी से विदा किया जाएगा।
नई तकनीक नहीं सीखी तो करियर खत्म
इसके अलावा, कंपनी में 10 से 15 साल तक सेवा दे चुके वे कर्मचारी, जिनकी स्किल अब नए टेक्नोलॉजी वातावरण में उपयुक्त नहीं रह गई है, उन्हें लगभग डेढ़ साल की सैलरी के बराबर कंपनसेशन दिया जा रहा है। वहीं, 15 साल से अधिक पुराने कर्मचारियों को दो साल की सैलरी के साथ विदाई देने की योजना है।
TCS के इस फैसले की बड़ी वजह ऑटोमेशन और बदलती टेक्नोलॉजी है। कंपनी का कहना है कि कार्यप्रणाली अब बहुत हद तक ऑटोमेटेड हो चुकी है और इसके लिए नई स्किल्स और अपग्रेडेड टेक्निकल नॉलेज की जरूरत है। जो कर्मचारी समय के साथ खुद को अपग्रेड नहीं कर पाए हैं, वे अब कंपनी की आवश्यकताओं के अनुरूप फिट नहीं बैठते।
TCS सिर्फ कर्मचारियों को निकाल नहीं रही, बल्कि सम्मानजनक विदाई के साथ उन्हें नया करियर शुरू करने में सहायता भी कर रही है।
कर्मचारियों को 6 महीने से लेकर 2 साल की सैलरी तक कंपनसेशन मिलेगा।
तीन महीने तक जॉब सर्च एजेंसी की फीस कंपनी द्वारा वहन की जाएगी।
TCS Care प्रोग्राम के तहत मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, थेरेपी और काउंसलिंग उपलब्ध कराई जा रही है।
विशेष रूप से जूनियर कर्मचारियों को लंबे समय तक यह सहायता दी जाएगी।
जो कर्मचारी रिटायरमेंट की उम्र के करीब हैं, उन्हें अर्ली रिटायरमेंट का विकल्प दिया जा रहा है। इस विकल्प के तहत उन्हें न केवल पूरा रिटायरमेंट बेनिफिट मिलेगा, बल्कि 6 महीने से 2 साल की अतिरिक्त सैलरी भी प्रदान की जाएगी। पेंशन, बीमा और अन्य रिटायरमेंट सुविधाएं भी यथावत रहेंगी।
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सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने अगस्त और सितंबर 2025 के बीच ही छंटनी की प्रक्रिया का बड़ा हिस्सा पूरा कर लिया है। अब कंपनी में केवल वे कर्मचारी बचे हैं जो RMG (Resource Management Group) के अंतर्गत नई भूमिका की तलाश में हैं। इनमें से कुछ को नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं, लेकिन ऐसे मौके बहुत सीमित हैं।
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TCS का यह फैसला भारतीय आईटी इंडस्ट्री के सामने खड़े उस बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है जहां सिर्फ अनुभव नहीं, बल्कि अपग्रेडेड स्किल्स ही टिकने का आधार बनेंगी। ऑटोमेशन, AI और नई तकनीकों के युग में हर पेशेवर को खुद को लगातार निखारना जरूरी हो गया है। TCS जैसी दिग्गज कंपनी का यह निर्णय बाकी कंपनियों के लिए भी एक संकेत है कि अब समय के साथ न चलने वाले प्रोफेशनल्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
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