

भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच बहुप्रतीक्षित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) डील पर अगले सप्ताह हस्ताक्षर हो सकते हैं। यह डील न सिर्फ भारत के छोटे व्यापारियों और एक्सपोर्टर्स के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि रोजगार और निवेश के नए रास्ते भी खोलेगी।
भारत-यूके फ्री ट्रेड डील (सोर्स-गूगल)
New Delhi: भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच लंबे समय से अटकी हुई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) डील आखिरकार अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह समझौता अगले सप्ताह दोनों देशों के प्रतिनिधियों द्वारा साइन किया जा सकता है। यह डील दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखती है।
भारत से एक्सपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा
इस डील का सबसे बड़ा लाभ भारत के छोटे और मध्यम व्यापारियों को मिलेगा। विशेष रूप से रेडीमेड गारमेंट्स, चमड़े के सामान और फुटवियर सेक्टर को सीधा फायदा होगा। इन प्रोडक्ट्स पर यूके में लगने वाला भारी इम्पोर्ट टैक्स समाप्त किया जाएगा, जिससे भारतीय सामान यूके में सस्ते दाम पर उपलब्ध हो सकेगा। इससे न केवल भारत के निर्यात में वृद्धि होगी, बल्कि उन लाखों कारीगरों को भी लाभ मिलेगा जो इन सेक्टरों में कार्यरत हैं।
विदेशी सामान होगा सस्ता
डील के तहत यूके से आने वाले कुछ उत्पादों पर भारत में लगने वाला आयात शुल्क भी घटाया जाएगा। इनमें व्हिस्की, हाई-एंड कारें और अन्य लग्जरी सामान शामिल हैं। वर्तमान में भारत में व्हिस्की पर बहुत ऊंचा टैक्स लगता है, लेकिन इस डील के बाद यह टैक्स घट सकता है, जिससे मिडिल क्लास वर्ग को इन महंगे उत्पादों का स्वाद सस्ती कीमतों पर मिल सकेगा।
नौकरियों और निवेश के नए अवसर
FTA के जरिए भारत में निवेश के नए अवसर पैदा होंगे। जब एक्सपोर्ट बढ़ेगा, तो फैक्ट्रियों में काम भी बढ़ेगा और नए रोजगार उत्पन्न होंगे। खासकर टेक्सटाइल, फुटवियर और लेदर इंडस्ट्री में मजदूरों, मशीन ऑपरेटरों और क्वालिटी कंट्रोल कर्मचारियों की मांग बढ़ेगी। इसके अलावा, यूके की कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की योजना बना सकती हैं, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
कानूनी प्रक्रिया बाकी
हालांकि यह डील तभी पूरी तरह से लागू हो सकेगी जब इसे भारत की कैबिनेट और यूके की संसद से मंजूरी मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि साइनिंग के बाद इसे पूरी तरह लागू होने में करीब एक साल का समय लग सकता है।
क्या होगा कुल असर?
इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान मिलेगी। जहां एक तरफ भारत के एक्सपोर्टर्स को नए अवसर मिलेंगे, वहीं दूसरी ओर आम जनता को कुछ विदेशी उत्पाद सस्ते मिल सकेंगे। साथ ही, यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और गहरा करेगा, जो आने वाले वर्षों में व्यापार और रोजगार दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।