

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण में राजनीतिक मुद्दों से हटकर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट की ओर देश का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने मोटापे को भारत की आने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताया और हर परिवार से खाना पकाने में तेल की खपत 10% तक कम करने की अपील की।
स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी (Img: X)
New Delhi: 15 अगस्त 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने 103 मिनट लंबे संबोधन में एक बेहद अहम स्वास्थ्य चिंता पर फोकस किया—भारत में तेजी से बढ़ रही मोटापे की समस्या। उन्होंने इसे एक 'गंभीर लेकिन रोकी जा सकने वाली चुनौती' बताते हुए, देशवासियों से जीवनशैली में छोटे मगर असरदार बदलाव लाने की अपील की।
मोटापे पर पीएम की सीधी चेतावनी
'आने वाले वर्षों में मोटापा हमारे देश के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है,' पीएम मोदी ने कहा। उन्होंने खासतौर पर खाने में इस्तेमाल होने वाले तेल पर जोर देते हुए कहा, 'अगर हर परिवार खाना पकाने में तेल की मात्रा 10% कम कर दे, तो यह पूरे देश की सेहत के लिए लाभकारी होगा।'
क्यों है तेल इतनी बड़ी चिंता?
प्रधानमंत्री मोदी के संदेश के पीछे वैज्ञानिक सच्चाई छुपी है। पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि खासकर रिफाइंड तेलों में मौजूद सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स वजन बढ़ाने और हृदय रोग, डायबिटीज जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं। मोदी ने पारंपरिक, कम तेल वाले पकाने के तरीकों जैसे स्टीमिंग, रोस्टिंग और उबालने को अपनाने की सलाह दी।
सिर्फ खानपान नहीं, जीवनशैली भी बदले
प्रधानमंत्री ने शारीरिक सक्रियता को दिनचर्या का हिस्सा बनाने पर जोर दिया। उन्होंने योग, साइकिलिंग, तेज़ चलने और घरेलू व्यायाम जैसे विकल्पों को अपनाने की बात कही। साथ ही भारतीय पारंपरिक खानपान जैसे अनाज, दालें, मौसमी सब्जियां और फल पर आधारित संतुलित आहार को प्राथमिकता देने की सलाह दी।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। देश में 24% महिलाएं और 23% पुरुष पहले से ही अधिक वजन या मोटापे का शिकार हैं। यह आंकड़े पिछले सर्वे की तुलना में काफी अधिक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब मोटापा तेजी से बढ़ रहा है।
2023 के ICMR-INDBA स्टडी के अनुसार, देश में 101 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि 136 मिलियन प्री-डायबिटिक हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि समस्या कितनी विकराल होती जा रही है।
पीएम मोदी का जनस्वास्थ्य संकल्प
अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने कहा, 'आइए संकल्प लें कि अगली पीढ़ी को एक स्वस्थ भारत दें, जहां त्योहारों की तरह फिटनेस भी उत्सव बने।'
हर परिवार के लिए आसान बदलाव