

दिवाली से पहले केंद्र सरकार अपने लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। खबरों के अनुसार, जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए महंगाई भत्ते (DA) में 3% तक की संभावित बढ़ोतरी हो सकती है। इस लेख में जानिए इस बढ़ोतरी का आधार, संभावित सैलरी इज़ाफा और कर्मचारियों की उम्मीदें।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी
New Delhi: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी हो सकती है। वित्त मंत्रालय जल्द ही जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए महंगाई भत्ते (Dearness Allowance - DA) में 3% की संभावित बढ़ोतरी की घोषणा कर सकता है। वर्तमान में DA 55% है, जो बढ़कर 58% तक पहुंच सकता है।
यह घोषणा दिवाली से पहले अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है, ताकि त्योहार से पहले कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके।
CPI-IW इंडेक्स से मिल रहे संकेत
महंगाई भत्ते की गणना के लिए औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) को आधार बनाया जाता है। श्रम ब्यूरो द्वारा हाल ही में जारी किए गए जून 2025 के CPI-IW आंकड़ों के अनुसार सूचकांक 1 अंक बढ़कर 145 पर पहुंच गया है।
जुलाई 2024 से जून 2025 तक के 12 महीनों का औसत CPI-IW इंडेक्स 143.6 रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस औसत के आधार पर 3% तक की बढ़ोतरी संभव है।
कर्मचारियों की सैलरी में होगा इज़ाफा
अगर सरकार DA में 3% की बढ़ोतरी करती है, तो यह सीधे तौर पर कर्मचारियों की मासिक आय में बढ़ोतरी करेगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹40,000 है, तो मौजूदा 55% DA के हिसाब से उसे ₹22,000 DA मिलता है।
3% वृद्धि के बाद DA 58% हो जाएगा, जिससे DA की राशि ₹23,200 हो जाएगी। यानी हर महीने ₹1,200 की अतिरिक्त आमदनी होगी। इसके अलावा ट्रैवल अलाउंस (TA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जैसे अन्य भत्तों में भी वृद्धि संभव है।
पिछली बढ़ोतरी से कर्मचारी हुए थे निराश
जनवरी 2025 में सरकार ने केवल 2% DA बढ़ाया था, जो बीते कई वर्षों की तुलना में सबसे कम था। इससे कर्मचारियों में नाराज़गी देखी गई थी। पहले आम तौर पर 4% या उससे अधिक की वृद्धि की जाती रही है।
इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार त्योहारों के मौसम को देखते हुए कर्मचारियों की नाराज़गी दूर करने और मांग को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक दर से DA बढ़ा सकती है।
बाजार को भी मिलेगा सकारात्मक संकेत
विशेषज्ञों के अनुसार, यह बढ़ोतरी न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों की जेब को राहत देगी, बल्कि घरेलू बाजार में उपभोग बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को भी बल देगी। त्योहारों के मौसम में उपभोक्ता खर्च बढ़ने से व्यापार और उद्योगों को भी लाभ हो सकता है।