

जब दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव से कंपनियाँ छंटनी कर रही हैं, तब आईटी सेक्टर से एक राहत भरी खबर आई है। Cognizant ने घोषणा की है कि वह 1 नवंबर 2025 से अपने 80% योग्य कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा करेगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब इंडस्ट्री में वेतनवृद्धि को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी।
कॉग्निजेंट
New Delhi: दुनियाभर की टेक और आईटी कंपनियाँ इस समय एक कठिन दौर से गुजर रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग और ऑटोमेशन के चलते कई कंपनियाँ अपने कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं। ऐसे में खर्चों को नियंत्रित करना और परिचालन को lean बनाना कंपनियों की प्राथमिकता बन गई है। लेकिन ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में IT सर्विसेज कंपनी Cognizant ने अपने कर्मचारियों के लिए एक राहत की खबर दी है। कंपनी ने ऐलान किया है कि वह 1 नवंबर 2025 से अपने 80% योग्य स्टाफ की सैलरी बढ़ाने जा रही है। यह फैसला इंडस्ट्री में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
Cognizant की इस सैलरी वृद्धि योजना के तहत उन 80 प्रतिशत कर्मचारियों को वेतनवृद्धि दी जाएगी जो योग्यता और परफॉर्मेंस के मानदंडों पर खरे उतरते हैं। वहीं, शेष 20% कर्मचारियों की सैलरी कंपनी की बिजनेस यूनिट की परफॉर्मेंस और इंडिविजुअल कर्तव्यों के आधार पर तय की जाएगी। माना जा रहा है कि इस श्रेणी में अधिकांशतः सी-लेवल एग्जीक्यूटिव्स और अन्य सीनियर अधिकारी शामिल होंगे, जिनका वेतन संरचना अधिक डायनामिक होती है।
TCS के बाद Cognizant का कदम
Cognizant से पहले TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) ने भी घोषणा की थी कि वह 1 सितंबर 2025 से अपने स्टाफ की सैलरी में इजाफा करेगी। यह घोषणा इंडस्ट्री में एक अहम संकेतक बनी, जिससे उम्मीद जगी कि बाकी कंपनियाँ भी कर्मचारियों के हित में फैसले लेंगी। अब Cognizant द्वारा उठाए गए कदम के बाद Infosys, Wipro और HCL जैसी अन्य बड़ी कंपनियों पर भी अपने कर्मचारियों की सैलरी रिवाइज करने का दबाव बढ़ सकता है। विशेष रूप से तब, जब कर्मचारियों के मनोबल और टैलेंट रिटेंशन की बात आती है।
वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिकी टैरिफ बने थे बाधा
आईटी सेक्टर में सैलरी बढ़ोतरी में देरी के पीछे मुख्य वजह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, जियो-पॉलिटिकल टेंशन, और अमेरिकी टैरिफ बताए जा रहे हैं। अमेरिका, जो भारतीय आईटी कंपनियों का सबसे बड़ा क्लाइंट बेस है, वहां की कंपनियों ने अपने IT बजट में कटौती की है। इससे भारतीय आईटी कंपनियों की आय और योजना पर असर पड़ा है। ऐसे में, सैलरी वृद्धि का यह फैसला न केवल कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक संदेश है, बल्कि यह कंपनी की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
बोनस और परफॉर्मेंस पर आधारित रिवॉर्ड सिस्टम
Cognizant ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को पिछले तीन वर्षों का सबसे बड़ा बोनस भी दिया है। यह इस बात का संकेत है कि कंपनी अब परफॉर्मेंस-ड्रिवन कल्चर की ओर बढ़ रही है, जहाँ योग्यता और कार्य क्षमता के आधार पर रिवॉर्ड दिया जाएगा। कंपनी के प्रवक्ताओं का कहना है कि उनका फोकस अब केवल लागत कटौती पर नहीं, बल्कि कर्मचारियों को सशक्त बनाकर उत्पादकता बढ़ाने पर है।