

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में निवेश करते समय कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखनी चाहिए, जैसे ब्याज पर टैक्स, बैंक के बंद होने पर जमा राशि की सुरक्षा, एफडी की अवधि, जल्दी तोड़ने पर पेनेल्टी, और अन्य निवेश विकल्पों के ब्याज दरें।
एफडी में निवेश (Img- Freepik)
New Delhi: फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) आजकल निवेश का एक सुरक्षित तरीका बन गया है। थोड़े पैसे लगाकर कम समय में अच्छा मुनाफा पाने के लिए कई लोग एफडी में पैसा लगाते हैं। अगर आप भी एफडी में निवेश करना चाहते हैं, तो इन 5 बातों का ध्यान रखें, जिससे आपको ज्यादा फायदा होगा। ये बातें अक्सर बैंक वाले भी आपको नहीं बताते।
अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए एफडी में निवेश एक अच्छा विकल्प है। लेकिन एफडी कराने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, ताकि आप इसका पूरा फायदा उठा सकें। इन बातों को नजरअंदाज करने से आपको नुकसान भी हो सकता है। जब आप बैंक में एफडी कराने जाते हैं, तो अक्सर बैंक वाले ये जरूरी बातें आपसे छुपा लेते हैं। आइए, जानते हैं ये खास बातें क्या हैं, जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिए।
1. एफडी से मिले ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है
बहुत कम लोग जानते हैं कि फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) से जो ब्याज मिलता है, उस पर टैक्स भी देना होता है। अगर आपका ब्याज एक तय सीमा से ज्यादा हो जाता है, तो आपको उस ब्याज पर टैक्स देना पड़ेगा। इस वजह से आप एफडी के अलावा ऐसे निवेश के विकल्प भी सोच सकते हैं, जहां आपको ब्याज पर टैक्स न देना पड़े।
2. बैंक बंद हो जाए तो आपकी जमा राशि का क्या होगा?
बैंक अक्सर ग्राहकों को यह नहीं बताते कि अगर बैंक बंद हो जाए या डूब जाए तो आपकी एफडी का क्या होगा। और कई बार ग्राहक भी इस बारे में नहीं पूछते। अगर आपकी एफडी की रकम 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो बैंक बंद होने पर आपको सिर्फ 5 लाख रुपये तक की राशि ही वापस मिल सकती है। यह नियम सेविंग अकाउंट में जमा रकम पर भी लागू होता है। लेकिन अगर आपकी एफडी की राशि 5 लाख रुपये से कम है, तो आपको पूरी रकम वापस मिल जाएगी। इसलिए निवेश करते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है।
3. एफडी की अवधि पर ध्यान दें
लंबी अवधि वाली एफडी हमेशा फायदेमंद नहीं होती है। कई बार पैसे की जल्दी जरूरत पड़ जाती है और तब आपको अपनी एफडी जल्दी तोड़नी पड़ती है, जिससे आपको पेनेल्टी देनी पड़ सकती है। वहीं, छोटी अवधि वाली एफडी में जल्दी पैसे निकालने की जरूरत कम होती है, इसलिए इसे तोड़ने की संभावना भी कम होती है। इसलिए एफडी की अवधि सोच-समझकर ही चुनें।
4. एफडी तुड़वाने पर ब्याज में कटौती होती है
जब आप बैंक में एफडी कराते हैं तो अक्सर आपको यह नहीं बताया जाता कि अगर आप तय समय से पहले एफडी तोड़ते हैं तो आपको कितनी पेनेल्टी देनी पड़ेगी। एफडी जल्दी तोड़ने पर बैंक आपके मिलने वाले ब्याज में से कुछ रकम काट लेता है। इसे पेनेल्टी कहा जाता है और यह आमतौर पर आधा से एक प्रतिशत तक होती है। हालांकि, अलग-अलग बैंकों के नियम इस मामले में अलग हो सकते हैं। इसलिए एफडी कराने से पहले पेनेल्टी की जानकारी जरूर लें।
5. दूसरे निवेश विकल्पों के ब्याज पर भी रखें ध्यान
एफडी में निवेश करते समय यह जानना जरूरी है कि मार्केट में और भी ऐसे निवेश के विकल्प होते हैं, जिनमें आपको एफडी से ज्यादा ब्याज मिल सकता है। समय-समय पर अलग-अलग निवेशों की ब्याज दरें बदलती रहती हैं, इसलिए इनके बारे में जानकारी रखते रहें। जहां ज्यादा ब्याज या रिटर्न मिले, वहां निवेश करना बेहतर होता है। उदाहरण के लिए, म्यूचुअल फंड में कभी-कभी सालाना 12 से 20 प्रतिशत तक का रिटर्न भी मिल जाता है।