यूपी डीजीपी पद पर विस्तार न मिलने के बाद प्रशांत कुमार की पहली प्रतिक्रिया आई सामने, क्या कहा- पढ़ें यहां

उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख के रूप में सेवा विस्तार नहीं मिलने के बाद पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 1 June 2025, 1:19 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश को कल यानि शनिवार को नया पुलिस महानिदेशक मिल गया है। सीनियर आईपीएस राजीव कृष्ण को यूपी का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही यूपी डीजीपी पद से प्रशांत कुमार रिटायर हो गये हैं, जबकि उनको सेवा विस्तार दिये जाने के कयास लगाये जा रहे थे। लेकिन उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिला।

डीजीपी पद पर सेवा विस्तार नहीं मिलने के बाद प्रशांत कुमार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है। इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना प्रोफाइल भी बदला है, जिसमें प्रशांत कुमार आईपीएस रिटायर्ड लिखा है। साथ ही एक्स डीजीपी यूपी भी लिख दिया है।

यूपी DGP पद से प्रशांत कुमार की विदाई

प्रशांत कुमार ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अंग्रेजी में लिखी पोस्ट को पुलिस और सहकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा है “प्रिय सहकर्मियों, मित्रों और खाकी वर्दीधारी योद्धाओं, कल जब मैंने अपने जूते उतारे, तो मेरा दिल कृतज्ञता, गर्व और अपनेपन की भावना से भर गया। यह केवल विदाई नहीं है; यह रुकने, चिंतन करने और सेवा की इस असाधारण यात्रा में मेरे साथ चलने के लिए आप सभी को धन्यवाद देने का क्षण है।

Prashant Kumar departure from the post of UP DGP

पूर्व DGP प्रशांत कुमार

उन्होंने आगे लिखा है, वर्दी में पहले दिन से लेकर विदाई के इस क्षण तक, मैंने प्रत्येक दिन लोगों की सेवा करने, न्याय को बनाए रखने और अपने बल के साथ खड़े होने के एकमात्र उद्देश्य के साथ जिया है। हम जो करते हैं वह केवल एक नौकरी नहीं है, यह एक आह्वान है। और मुझे आप सभी के साथ उस आह्वान का जवाब देने का सौभाग्य मिला है।

पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार आगे लिखते हैं, वह कांस्टेबल जो बारिश में यातायात को संभालने के लिए खड़ा था, वह अधिकारी जिसने रातों की नींद हराम करके एक मामले को सुलझाया, वह टीम जिसने नवाचार किया - आप इस बल की सच्ची आत्मा हैं। मैं उत्तर प्रदेश पुलिस की भव्य टेपेस्ट्री में केवल एक धागा रहा हूँ, और फिर भी, आपने मुझे इसके ताने-बाने जैसा महसूस कराया।

उन्होंने आगे लिखा, इन वर्षों में, हमने त्रासदी, विजय और परिवर्तन का सामना किया है - एक साथ। हमने पुलिसिंग को आधुनिक बनाया, साइबर अपराध से निपटा, संकटों का जवाब दिया और सबसे महत्वपूर्ण बात, विश्वास को बहाल किया। खाकी वर्दी में नागरिक का विश्वास। और मेरे लिए, यह सबसे बड़ा पदक है जिसे मैं सेवानिवृत्ति में ले जाऊँगा।

पूर्व डीजीपी ने लिखा कि, मैं इस पद को बिना किसी पछतावे के, केवल गर्व के साथ छोड़ रहा हूँ। हो सकता है कि अब मैं अपने कंधों पर सितारे न पहनूँ, लेकिन मैं हमेशा अपने दिल में बल की भावना को लेकर चलूँगा। और जैसे-जैसे मैं जीवन के एक शांत अध्याय में कदम रखूँगा, मेरी प्रार्थनाएँ, सम्मान और अटूट समर्थन हमेशा आप में से हर एक के साथ रहेगा।

वे आगे लिखते हैं, हमें कभी नहीं भूलना चाहिए: "वर्दी अस्थायी है। कर्तव्य हमेशा के लिए है।" आप साहस, करुणा और विवेक के साथ सेवा करना जारी रखें”।

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