

प्रशांत किशोर ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की शैक्षणिक योग्यता और आपराधिक पृष्ठभूमि पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने जदयू नेता अशोक चौधरी पर 200 करोड़ की अवैध जमीन खरीद का आरोप भी लगाया। चुनावी मौसम में ये आरोप बिहार की राजनीति में हलचल मचा सकते हैं।
प्रशांत किशोर
Patna: बिहार की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले हलचल तेज़ हो गई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक और मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर सीधे और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे दसवीं कक्षा भी पास नहीं हैं, फिर भी उन्हें डी-लिट (Doctor of Literature) की मानद डिग्री कैसे मिल गई, यह एक राजनीतिक नैतिकता और पारदर्शिता का बड़ा सवाल है।
प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी की पहचान और आपराधिक इतिहास को लेकर भी कई खुलासे किए। उन्होंने बताया कि सम्राट चौधरी का असली नाम सम्राट कुमार मौर्य है और उनका नाम 1998 में कांग्रेस नेता सदानंद सिंह की हत्या के प्रयास में सामने आया था। आरोप था कि उन्होंने सदानंद सिंह और उनके साथियों पर बम से हमला किया था, जिसमें 6 लोगों की जान गई थी। किशोर ने यह भी कहा कि सम्राट खुद को नाबालिग बताकर जेल से छूटे थे, और फिर बिना चुनाव जीते मंत्री बने।
प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि सम्राट चौधरी ने 2010 में सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में खुद को सातवीं पास बताया था। एक अन्य मामले में उन्होंने दसवीं की परीक्षा में 234 अंक प्राप्त करने की बात कही, जो पासिंग मार्क से कम है। इसके बावजूद उन्हें डी-लिट की मानद डिग्री कैसे मिली, यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा, "अगर एक व्यक्ति 10वीं की परीक्षा में फेल होता है और बाद में उसके पास डी-लिट की डिग्री होती है तो यह पूरे शैक्षणिक ढांचे और डिग्री वितरण प्रणाली पर सवाल खड़े करता है।"
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प्रशांत किशोर ने जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य मंत्री अशोक चौधरी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी ने पिछले तीन वर्षों में 200 करोड़ रुपये की ज़मीनें संदिग्ध और अवैध तरीकों से खरीदी हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक उदाहरण है और सरकार में कई नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। किशोर ने मीडिया से मांग की कि वे इन मामलों की जांच करें और जनता को वास्तविकता से अवगत कराएं।