

RJD में संगठनात्मक संतुलन पर विवाद तब गहरा गया जब रोहिणी आचार्या ने तेजस्वी यादव की सीट पर संजय यादव के बैठने पर अप्रत्यक्ष नाराजगी जताई। फेसबुक पोस्ट शेयर कर उन्होंने पार्टी और परिवार दोनों में असहजता पैदा कर दी, जिससे आंतरिक राजनीति फिर से सुर्खियों में आ गई।
तेजस्वी की कुर्सी पर कौन बैठा?
Patna: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के भीतर एक बार फिर से पारिवारिक राजनीति और संगठनात्मक संतुलन को लेकर हलचल मच गई, जब लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा बस में उनकी सीट पर सांसद संजय यादव के बैठने पर अप्रत्यक्ष नाराजगी जाहिर की। गुरुवार सुबह रोहिणी ने एक फेसबुक पोस्ट शेयर की, जिसमें किसी ने संजय यादव के तेजस्वी की सीट पर बैठने पर सवाल उठाया था। इस पोस्ट को शेयर कर रोहिणी ने बिना नाम लिए पार्टी और परिवार दोनों के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी।
रोहिणी आचार्या की इस पोस्ट के बाद शाम को तेजस्वी यादव की उसी सीट पर दो दलित नेताओं की तस्वीर वायरल हुई। माना जा रहा है कि यह कदम पार्टी की छवि को संभालने और दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के संदेश के तौर पर उठाया गया। इन तस्वीरों में शिवचंद्र राम और रेखा पासवान को तेजस्वी की कुर्सी पर बैठा दिखाया गया। रोहिणी ने भी इन तस्वीरों को सराहा और लिखा कि यही लालू यादव की सोच है कि वंचित तबके के लोग आगे आएं और नेतृत्व करें।
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शिवचंद्र राम राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के एक वरिष्ठ और प्रभावशाली दलित नेता हैं, जो वैशाली जिले की राजापाकर विधानसभा सीट से आते हैं। वे रविदास जाति से ताल्लुक रखते हैं, जो बिहार में दलित समुदाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। शिवचंद्र राम ने 2015 में राजापाकर सीट से RJD के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इस चुनाव में जीत के बाद वे महागठबंधन सरकार (नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी) में कला, संस्कृति और खेल विभाग के मंत्री बनाए गए। इस पद पर रहते हुए उन्होंने सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने में भूमिका निभाई।
मंत्री बनने से पहले वे युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी पार्टी के संगठन में सक्रिय रहे और युवाओं को पार्टी से जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। 2020 के विधानसभा चुनाव में राजापाकर सीट महागठबंधन में कांग्रेस को दे दी गई, जिसके चलते शिवचंद्र राम चुनाव नहीं लड़ सके। उनकी जगह प्रतिमा दास को टिकट मिला, जो चुनाव जीत गईं। तेजस्वी यादव ने उन्हें हाजीपुर लोकसभा सीट से चिराग पासवान के खिलाफ मैदान में उतारा। हालांकि, वे यह चुनाव हार गए, लेकिन इस मुकाबले ने उन्हें फिर से चर्चाओं में ला दिया।
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शिवचंद्र राम को पार्टी में तेजस्वी यादव का करीबी माना जाता है। इस बात का संकेत तब मिला जब उन्होंने 2024 में संजय यादव के जन्मदिन पर उनकी तस्वीर टेबल पर रखकर केक काटा। यह आयोजन आमतौर पर सिर्फ लालू यादव या तेजस्वी यादव के लिए होता है। इससे शिवचंद्र राम की पार्टी में वफादारी और नजदीकी को लेकर खूब चर्चा हुई।