Bihar Polls: पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा का बड़ा फैसला; जदयू से इस्तीफा, राजद के साथ चुनावी तालमेल

पूर्णिया के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने जनता दल यूनाइटेड को अलविदा कहकर राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया है। इस कदम से बिहार के सीमांचल क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। राजद को धमदाहा विधानसभा सीट पर मजबूती मिलने की उम्मीद है।

Updated : 10 October 2025, 6:40 PM IST
google-preferred

Patna: बिहार की राजनीति में आज एक बड़ा राजनीतिक भूचाल आया है। पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता संतोष कुमार कुशवाहा ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थाम लिया है। यह कदम बिहार के सीमांचल क्षेत्र में खासतौर पर पूर्णिया में राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह से प्रभावित करेगा। आज दोपहर लगभग एक बजे कुशवाहा ने जदयू से इस्तीफा दे दिया, और तीन बजे के आसपास अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पटना में राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली।

बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव

संतोष कुशवाहा ने जदयू छोड़ने का मुख्य कारण पार्टी नेतृत्व की उपेक्षा और अनदेखी को बताया है। उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि कुशवाहा पार्टी के भीतर वह सम्मान नहीं पा रहे थे, जिसके वे हकदार थे। उन्होंने कई बार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अपनी समस्याओं से अवगत कराया, लेकिन कोई सकारात्मक समाधान नहीं मिला। इस कारण वह लंबे समय से जदयू में असंतुष्ट थे और अंततः उन्होंने यह बड़ा राजनीतिक फैसला लिया।

Bihar Polls: कांग्रेस ने तय किए अपने हिस्से के उम्मीदवार, सीट बंटवारे पर अंतिम दौर में बातचीत

राजनीतिक विश्लेषक इस बदलाव को सीमांचल क्षेत्र की राजनीति में बड़ा मोड़ मान रहे हैं। कुशवाहा को कोइरी समुदाय का एक प्रमुख नेता माना जाता है, जो सीमांचल में एक बड़ा वोट बैंक रखता है। राजद के इस कदम से धमदाहा विधानसभा सीट पर पार्टी की पकड़ और मजबूत होगी। धमदाहा सीट वर्तमान में जदयू की वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री लेसी सिंह के पास है, और कुशवाहा के इस सीट पर चुनाव लड़ने की घोषणा से आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू को कड़ी चुनौती मिलेगी। यह राजद की जदयू के मजबूत किले में सेंध लगाने की रणनीति के तौर पर भी देखी जा रही है।

संतोष कुशवाहा ने जदयू छोड़ा

संतोष कुशवाहा का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। वे पहली बार 2005 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए। इसके बाद 2010 में फिर भाजपा के टिकट पर बायसी विधानसभा से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 2013 में भाजपा छोड़कर वे जदयू में शामिल हो गए। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में जदयू के टिकट पर वे सांसद चुने गए। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में वे निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव से हार गए। इसके कुछ दिन बाद ही विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ उन्होंने जदयू छोड़कर राजद का साथ चुन लिया।

कुशवाहा की इस वापसी से राजद को न सिर्फ धमदाहा विधानसभा सीट पर मजबूती मिलेगी, बल्कि यह पार्टी के लिए कोइरी समुदाय के वोट बैंक को जोड़ने में भी मददगार साबित होगा। सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम, यादव और कोइरी समुदाय के मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और कुशवाहा की भागीदारी से राजद का प्रभाव क्षेत्र बढ़ने की उम्मीद है।

राजद में शामिल होकर दिया बड़ा झटका

इस बदलाव के बाद राजनीतिक दलों के बीच समीकरण में बदलाव देखने को मिलेगा। जदयू के लिए यह बड़ा झटका है, खासकर पूर्णिया और सीमांचल क्षेत्र में उनकी पकड़ कमजोर होने की संभावना है। वहीं, राजद ने इस मौके का फायदा उठाकर सीमांचल में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास किया है।

संतोष कुशवाहा के फैसले ने बिहार की सियासत को एक नई दिशा दी है। आगामी विधानसभा चुनाव में उनके इस कदम का बड़ा असर देखने को मिलेगा। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि कुशवाहा के इस कदम से सीमांचल क्षेत्र में राजद और जदयू के बीच मुकाबला और भी तीव्र होगा।

Bihar Polls: तारीख की घोषणा के बाद बॉर्डरों पर बढ़ी चौकसी, 44 चेक पोस्ट और तैनात पैरामिलिट्री फोर्स

इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार की राजनीति में आगामी चुनावों तक और भी बड़े राजनीतिक बदलाव संभव हैं। इस बीच, दोनों दलों के लिए क्षेत्रीय नेताओं की पकड़ और समर्थकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा का जदयू छोड़कर राजद में शामिल होना बिहार की राजनीति में बड़ा मोड़ है।

Location : 
  • Patna

Published : 
  • 10 October 2025, 6:40 PM IST