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केंद्र सरकार के “उम्मीद पोर्टल” पर वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण पूरा करने की अंतिम तिथि 5 दिसंबर नजदीक है, लेकिन अब तक 60 हजार से अधिक संपत्तियों का विवरण पोर्टल पर अपलोड नहीं हो सका है। तकनीकी खामियों और धीमे सर्वर के कारण पंजीकरण में देरी हो रही है।
वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण
Lucknow: केंद्र सरकार के द्वारा 6 जून 2025 को लॉन्च किए गए "उम्मीद पोर्टल" का उद्देश्य प्रदेश भर में स्थित वक्फ संपत्तियों का डिजिटल पंजीकरण करना था। पोर्टल पर इन संपत्तियों के रिकॉर्ड अपलोड करना अनिवार्य किया गया था, और इसके लिए अंतिम तिथि 5 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई थी। हालांकि, अब तक प्रदेश की लगभग 60 हजार वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण पूरी तरह से नहीं हो सका है।
केंद्र सरकार के उम्मीद पोर्टल पर प्रदेश में अब तक 62,837 वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण किया गया है, जो कुल 1,33,785 वक्फ संपत्तियों में से केवल 46.9% हैं। उत्तर प्रदेश के सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड दोनों ने मिलकर यह पंजीकरण किया है, लेकिन 68 हजार सुन्नी और लगभग 3 हजार शिया वक्फ संपत्तियों का विवरण अब तक पोर्टल पर अपलोड नहीं हो सका है।
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वक्फ बोर्ड के अधिकारी जुफर फारूकी और जीशान रिजवी के मुताबिक, पोर्टल के लांच होने के बाद से लगातार तकनीकी खामियां सामने आ रही थीं। बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पोर्तल क्रैश हो गया था, जिससे पंजीकरण की प्रक्रिया पर गहरा असर पड़ा। बुधवार से पोर्टल में फिर से काम शुरू हुआ, लेकिन सर्वर की रफ्तार काफी धीमी रही, जिससे पंजीकरण की प्रक्रिया में देरी हुई।
प्रदेश में सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत करीब 1 लाख 26 हजार वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हैं, जबकि शिया वक्फ बोर्ड में लगभग 7,785 संपत्तियां पंजीकृत हैं। हालांकि, इन सबका विवरण अब तक पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है। दोनों वक्फ बोर्डों के अधिकारियों ने चिंता जताई कि पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया अंतिम तिथि तक पूरी नहीं हो पाएगी, जो कि सरकार की "डिजिटल सूची" बनाने की योजना के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
अब जबकि पोर्टल पर पंजीकरण की अंतिम तिथि केवल कुछ दिन दूर है (5 दिसंबर 2025), यह देखा जा रहा है कि क्या सरकार या संबंधित वक्फ बोर्ड किसी नई तिथि का ऐलान करेंगे। इससे पहले, वक्फ बोर्ड ने इस बात की पुष्टि की थी कि तकनीकी समस्याओं और अन्य कारणों के चलते पंजीकरण में देरी हुई है। हालांकि, सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है।
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वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण सरकार की "वक्फ संपत्ति प्रबंधन योजना" का अहम हिस्सा है। इस पंजीकरण के जरिए सरकार को इन संपत्तियों के बारे में सही जानकारी मिल पाएगी, साथ ही वक्फ संपत्तियों का सुरक्षा और प्रबंधन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके अलावा, यह पंजीकरण वक्फ संपत्तियों की धार्मिक और कानूनी सुरक्षा के लिए भी बेहद आवश्यक है।
पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण होने से वक्फ बोर्डों को संपत्तियों की स्थिति, उनके कानूनी अधिकार, और धार्मिक रूप से सुरक्षित संपत्तियों के बारे में एक व्यवस्थित जानकारी प्राप्त होगी। इसके अलावा, इससे आर्थिक पारदर्शिता भी बढ़ेगी और उन संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा, जो पहले अव्यवस्थित थीं।
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