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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बीच यदि हम पिछले चुनाव परिणामों पर नजर डालते हैं तो बिहार चुनाव से जुड़े कई दिलचस्प आंकड़े देखने को मिलते हैं। कांग्रेस और आरजेडी का वोट शेयर तो बढ़ा लेकिन सीटें घट गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट
बिहार चुनाव लाते हैं दिलचस्प आकंड़ें (सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
New Delhi: बिहार में 243 सीटों पर विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है। ताजा रुझानों में एनडीए बहुमत की ओर अग्रसर नजर आ रही है। रुझानों में कांग्रेस-आरजेडी समेत महागठबंधन का सत्ता पर काबिज होने का सपना टूटता दिख रहा है। चुनाव नतीजे आने बाकी है लेकिन यदि ये रूझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो बिहार के चुनावी फैक्टर फिर एक बार चर्चाओं में आ जायेगा।
यदि में बिहार के पिछले दो विधानसभा चुनाव की बात करें तो नतीजे और इनके आंकड़े बेहद दिलचस्प है। ये आंकड़े दिखाते हैं कि भाजपा ने किस तरह बिहार में धीरे-धीरे अपना दबदबा कायम किया और कैसे आरजेडी और कांग्रेस सीटें गंवाने के साथ सत्ता के दूर होती गई।
बिहार चुनाव के दिलचस्प आंकड़े बताते हैं कि 2015 और 2020 में हुए दोनों ही चुनावों में कांग्रेस और आरजेडी का वोट शेयर बढ़ा लेकिन सीटें घट गई और दोनों सत्ता गंवा बैठे। जबकि भाजपा ने बड़ा उलटफेर किया। 2015 और 2020 में भाजपा की सीटें बढ़ी लेकिन पार्टी का वोट शेयर घट गया। यदि बात करे जेडीयू की तो उसकी सीटों में बड़ी गिरावट आई जबकि वोट शेयर में हल्की गिरावट दर्ज की कई।
2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 27 सीटें मिली जबकि उसका वोट शेयर 6.66 प्रतिशत रहा। 2020 के चुनाव में कांग्रेस की सीटें घटकर 19 हुई और उसका वोट शेयर बढ़कर 9.48 प्रतिशत हो गया।
आरजेडी की बात करें तो 2015 में उसके खाते में 80 सीटें आईं जबकि उसका वोट शेयर तब 18.35 प्रतिशत रहा। 2020 में आरजेडी को 75 सीटें मिली और उसका वोट शेयर बढ़कर 23.11 प्रतिशत हो गया।
इसी तरह यदि सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडी(यू) की बात करें तो 2015 में पार्टी को 71 सीटें मिली और उसका वोट प्रतिशत 16.83 प्रतिशत रहा। 2020 में जेडी(यू) को 43 सीटें मिली और उसका वोट शेयर 15.39 रहा।
भाजपा ने किस तरह बिहार में अपना दबदबा बनाया, इसकी झलक पिछले दो चुनावों के आंकड़े बताते हैं। 2015 में भाजपा को महज 53 सीटें मिली और उसका वोट प्रतिशत 24.42 प्रतिशत रहा। अगले यानि 2020 के चुनाव में भाजपा को रिकार्ड 74 सीटें मिली लेकिन उसका वोट प्रतिशत गिरकर 19.46 प्रतिशत रह गया।
बता दें कि यदि इस चुनाव में भी यही ट्रेंड रहता है तो सीटों और वोट शेयर के आंकड़ों पर चर्चा हो सकती है।