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Video: सोनभद्र का एक छोटा गांव, बड़ी मुश्किलें और वादों के पीछे छुपी हकीकत, देखें यहां

सोनभद्र के चरकी गुड़ी टोले के ग्रामीण आज भी आधुनिक भारत में 'चुआड़' यानी पहाड़ की दरारों से रिसने वाला पानी पीने को मजबूर हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी 'हर घर जल' योजना यहां फेल साबित हुई है। महिलाएं रोज मीलों चलकर दूषित पानी लाती हैं, जबकि प्रशासन के वादे सिर्फ कागजों पर सिमट गए हैं।
Post Published By: Tanya Chand
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Video: सोनभद्र का एक छोटा गांव, बड़ी मुश्किलें और वादों के पीछे छुपी हकीकत, देखें यहां

Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से एक दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है, जहाँ विकास और आधुनिक भारत के दावों के बीच आज भी लोग चुआड़ (पहाड़ की दरारों से रिसने वाले पानी) को पीने पर मजबूर हैं। यह दशा किसी पिछली सदी का नहीं, बल्कि 2025 के ‘विकसित भारत’ का है।

यह मामला ओबरा विधानसभा क्षेत्र के चोपन ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गोठानी ग्राम पंचायत के चरकी गुड़ी टोले का है। यहां के 20 से 25 परिवार अब भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ग्रामीणों की पीड़ा इतनी गहरी है कि वे सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को अब केवल “कागजी दिखावा’ बताने लगे हैं।

चरकी गुड़ी टोले की स्थिति बेहद दयनीय है। ग्रामीण बताते हैं कि गांव में अब तक पक्की सड़क नहीं बनी, जिससे आने-जाने में भारी परेशानी होती है। बरसात के दिनों में कीचड़ और दलदल से रास्ता बंद हो जाता है।

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बिजली की स्थिति भी खराब है- कभी-कभी तीन-तीन दिन तक बिजली नहीं आती, जिससे घर अंधेरे में डूबे रहते हैं और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। सबसे गंभीर समस्या पानी की है। गांव के हैंडपंप सूख चुके हैं या बहुत कम पानी देते हैं। और जो पानी निकलता है, वह पीने लायक नहीं। मजबूरी में महिलाएं और बच्चे पहाड़ की दरारों से रिसने वाले “चुआड़” का पानी इकट्ठा कर पीने को मजबूर हैं। यही दूषित पानी उनकी बीमारियों का कारण बन रहा है।

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