

सांसद डा. निशिकांत दुबे ने जिस मकरंद पाटिल पर लगाया है शरद पवार से मिलने का आरोप, उसी मकरंद पाटिल का क्या है आरोपों पर जवाब, सुनिये डाइनामाइट न्यूज़ के इस सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में
नई दिल्ली: इन दिनों देश भर में एक बहस छिड़ी हुई है कि क्य़ा भारत का चुनाव आयोग निष्पक्ष है? SIR को लेकर उसकी नीयत क्या है? इस पर विपक्षी दलों खास तौर पर राहुल गांधी ने सोमवार को दिल्ली की सड़कों पर 300 सांसदों के साथ जोरदार प्रदर्शन किया। भारत निर्वाचन आयोग भी इन सब चर्चाओं के बीच रविवार दोपहर 3 बजे राजधानी में प्रेस कांफ्रेंस करने जा रहा है।
भाजपा सांसद डा. निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर शनिवार की सुबह 10.15 बजे एक पोस्ट किया और लिखा कि “मकरन्द पाटिल तो @PawarSpeaks साहब से नहीं मिला था ? क्या उसको लेकर पवार साहब @RahulGandhi जी से मिले थे? @ECISVEEP @HMOIndia उसके उपर जॉंच कर कारवाई करे,आजकल वह @himantabiswa जी वह असम में @INCIndia को बरगलाने का काम कर रहा है, संवैधानिक संस्था पर उँगली उठवाने वालों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिये तथा कांग्रेस का झूठ जनता के सामने लाना चाहिए”
सुनिये आरोपों के घेरे में आये मकरंद पाटिल का Exclusive Interview डाइनामाइट न्यूज़ पर
1. देश भर में छिड़ी है बहस क्य़ा भारत का चुनाव आयोग है निष्पक्ष?
2. राहुल गांधी ने 300 सांसदों के साथ किया था जोरदार प्रदर्शन
3. कल दिल्ली में ECI करने जा रहा है प्रेस कांफ्रेंस
4. क्या इसी…— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 16, 2025
इसी मकरंद पाटिल को डाइनामाइट न्यूज़ ने खोज निकाला और इसका फोन पर इंटरव्यू किया। इसमें यह सिरे से नकार रहा है कि उसने शरद पवार या राहुल गांधी से कोई मुलाकात की है।
सुनिये पूरा इंटरव्यू...
दरअसल, यह विवाद उस वक्त खड़ा हुआ जब नागपुर में पिछले शनिवार को शरद पवार ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया था कि "महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले दो लोगों ने नई दिल्ली में मुझसे मुलाकात की थी। उन्होंने विपक्ष (महा विकास अघाड़ी) को 288 में से 160 सीटें जीतने में मदद की गारंटी के साथ पेशकश की थी। मैंने उन्हें राहुल गांधी से मिलवाया। हालांकि राहुल गांधी यह भी मानना था कि हमें (विपक्ष को) ऐसे मामलों में नहीं पड़ना चाहिए और सीधे लोगों के पास जाना चाहिए।" पवार ने दावा किया कि चूंकि उन्होंने दोनों व्यक्तियों के दावों को कोई महत्व नहीं दिया, इसलिए उनके पास उनके नाम और संपर्क विवरण नहीं हैं। बता दें कि भाजपा ने विधानसभा चुनावों में 132 सीटें जीतीं, जबकि सहयोगी शिवसेना और राकांपा ने क्रमशः 57 और 41 सीटें जीतीं।