

ग्राम पटरानी के निवासियों ने हाई स्कूल को गाँव से छह किमी दूर केंद्र में स्थानांतरित करने के सरकारी फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने शिक्षा व सुरक्षा कारणों से फैसले को वापस लेने की मांग की तथा चेतावनी दी कि न होने पर आंदोलन होगा।
हाई स्कूल को हटाने की योजना पर नाराज़गी
Ramnagar: मंगलवार को ग्राम पटरानी में सैकड़ों ग्रामीण एकत्रित हुए और प्रदेश सरकार के खिलाफ उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग की उस योजना का विरोध किया जिसमें मुख्यमंत्री स्तर पर स्थापित हाई स्कूल को बंद कर दिया जाए और उसे राजकीय इंटर कॉलेज मालधन चौड़ निवासी क्षेत्र में शामिल कर दिया जाए। प्रदर्शन “मालिकाना हक संघर्ष समिति” और स्थानीय ग्रामीणों के संयुक्त तत्वाधान में हुआ।
हाई स्कूल पटरानी ग्राम में वर्षों से है। इस स्कूल में गांव व आसपास के इलाकों से बच्चे पढ़ते-लिखते हैं। मगर सरकार ने निर्णय लिया है कि इस स्कूल को बंद कर, बच्चों को करीब 6 किलोमीटर दूर राजकीय इंटर कॉलेज, मालधन चौड़ में पढ़ाया जाएगा। इस निर्णय से गांव के निवासी खासे नाराज हैं। उनका तर्क है कि स्कूल छोड़ने के लिए यह दूरी अधिक है, जंगल और वन्य प्राणी सहित अन्य प्राकृतिक बाधाएँ हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई पर असर होगा।
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ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव जंगल से घिरा हुआ है। दिन में तो वन्य जीवों का आना-जाना रहता है, रात में विशेष रूप से जोखिम बढ़ जाता है। दर्जियाँ कि पहले भी बच्चों व बुजुर्गों के वन्यजीव हमलों के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में 6 किलोमीटर दूर स्कूल भेजना बच्चों व परिवारों के लिए न सिर्फ व्यापारिक बोझ बल्कि सुरक्षा का प्रश्न बनेगा।
वन ग्राम पटरानी के हाई स्कूल को शिफ्ट किए जाने पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा! जंगल से घिरे गांव में स्कूल हटाने के फैसले का ग्रामीणों ने किया जोरदार विरोध। शिक्षा से खिलवाड़ नहीं सहेंगे! देखिए ये रिपोर्ट, जहां जनआवाज बन रही है सरकार के फैसले की चुनौती!
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 16, 2025
सरकार की व्यवस्था और ग्रामीणों के आरोप
सरकार ने कहा है कि बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए बस और सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था होगी। लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि ऐसा कुछ अब तक नहीं हुआ। गाँव में 108 एंबुलेंस, गैस वाहन जैसी मूलभूत सुविधाएँ नहीं मिली हैं। बरसात के दौरान नाले उफान पर हो जाते हैं और स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है।
प्रदर्शन और ज्ञापन
ग्रामीणों ने सरकार पर वोट बैंक के रूप में गांव वालों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। क्षेत्रीय बैठक हुई जिसमें पुलिस प्रशासन को ज्ञापन भेजा गया और मुख्यमंत्री को भी इस फैसले को वापस लेने की मांग की गई। चेतावनी दी गई कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।
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शिक्षा अधिकार व अपेक्षा
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार है और बच्चों को स्कूल पहुंचना चाहिए, बजाय कि दूरी और खतरे के चलते शिक्षा से वंचित किया जाए। उनका कहना है कि सरकार को बच्चों की भलाई के लिए योजनाएँ बनानी चाहिए न कि उन्हें और अधिक संघर्ष में डालना चाहिए।