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गोरखपुर के गोला तहसील क्षेत्र में स्थित रामबारी मुख्य संपर्क मार्ग पिछले बीस वर्षों से बदहाल पड़ा है। गड्ढों और टूटी सतह के कारण यह सड़क ग्रामीणों के लिए जानलेवा बन चुकी है। स्कूली बच्चों, किसानों और मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है।
सड़क के गड्ढे बने जानलेवा
Gorakhpur: गोला तहसील क्षेत्र की नरहन बरहज ग्राम सभा का रामबारी मुख्य संपर्क मार्ग आज ग्रामीणों के लिए विकास की पहचान नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता का जीता-जागता उदाहरण बन चुका है। वर्ष 2003 में निर्मित यह सड़क पिछले करीब बीस वर्षों से मरम्मत के अभाव में पूरी तरह जर्जर हो गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, हालत यह है कि अब इस मार्ग से गुजरना रोजमर्रा के सफर की बजाय जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे, उखड़ी गिट्टियां और टूटे हुए किनारे राहगीरों के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं। बरसात के दिनों में स्थिति और भयावह हो जाती है, जब गड्ढों में पानी भर जाता है और पूरी सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है।
दोपहिया वाहन चालक अक्सर फिसलकर गिर जाते हैं, जबकि साइकिल सवार और पैदल चलने वाले लोग भी चोटिल हो रहे हैं। इसके बावजूद आज तक न तो सड़क की नियमित मरम्मत कराई गई और न ही इसके पुनर्निर्माण की कोई ठोस योजना धरातल पर उतर सकी।
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इस जर्जर मार्ग का सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों, किसानों और मरीजों पर पड़ रहा है। बच्चे रोज इसी रास्ते से स्कूल आने-जाने को मजबूर हैं, जहां हर दिन दुर्घटना का डर बना रहता है। किसानों को अपनी फसल खेतों से बाजार तक ले जाने में भारी परेशानी होती है। वहीं किसी आपात स्थिति में एंबुलेंस और अन्य जरूरी सेवाओं के वाहन इस सड़क पर फंस जाते हैं, जिससे समय पर मदद न मिल पाने की आशंका बढ़ जाती है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के बाद से अब तक संबंधित विभागों और जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत की गई, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। न तो कोई सर्वे कराया गया और न ही मरम्मत की तिथि तय हुई, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ग्राम प्रधान लाल मोहन ने बताया कि रामबारी मार्ग की बदहाल स्थिति से जिम्मेदार अधिकारियों और क्षेत्रीय विधायक को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि यह सड़क मात्र तीन मीटर चौड़ी है और वर्ष 2003 से मरम्मत की बाट जोह रही है। समय रहते ध्यान दिया गया होता तो आज सड़क इस हालत में नहीं होती।
वहीं ग्रामीण अरुण कुमार पांडेय, शिवमूरत, जवाहर, दयाशंकर, कौशल्या देवी, रामरूप, रूमाली देवी और ऊषा देवी ने साफ चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही सड़क मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत और पुनर्निर्माण कराया जाए, ताकि सुरक्षित और सुगम आवागमन सुनिश्चित हो सके।