

हेमकुंड साहिब और बदरीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ ने सभी को चौंका दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
हेमकुंड साहिब और बदरीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ ( सोर्स - इंटरनेट )
चमोली: पिछले एक सप्ताह से पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदला हुआ है। कड़ाके की ठंड और रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी के बीच जहां आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं हेमकुंड साहिब और बदरीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ ने सभी को चौंका दिया है। ठिठुरन भरे मौसम और चुनौतियों के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है, जिससे स्थानीय कारोबारियों के चेहरे भी खिल उठे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, हेमकुंड साहिब, जो समुद्रतल से लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और जहां पहुंचने के लिए 19 किलोमीटर की कठिन पैदल चढ़ाई तय करनी पड़ती है, वहां इस बार रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। 25 मई को कपाट खुलने के बाद से अब तक मात्र 10 दिनों में 30,000 से अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंच चुके हैं, और प्रतिदिन औसतन 5,000 से 6,000 तीर्थयात्री यहां माथा टेकने आ रहे हैं। जिससे व्यापारियों को भी अच्छा खासा मुनाफा कमाने को मिल रहा है।
मौसम की बात करें तो हेमकुंड क्षेत्र में इस समय तीन इंच तक ताजा बर्फ जमी हुई है, जिससे समूचा क्षेत्र बर्फ की सफेद चादर से ढका हुआ है। इसके बावजूद सिख श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। कड़ाके की ठंड में भी श्रद्धालु हिमसरोवर में स्नान कर दरबार साहिब में मत्था टेक रहे हैं।
इधर बदरीनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की आमद में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जा रही है। अब तक यहां 5 लाख 60 हजार से अधिक तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं। प्रतिदिन करीब 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु बदरीनाथ में दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं। बदलते मौसम के कारण यहां भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है, लेकिन लोगों में भगवान के प्रति आस्था के आगे ये प्राकृतिक बाधाएं गौण साबित हो रही हैं।
हेमकुंड और बदरीनाथ यात्रा में आई इस तेजी से पूरे पहाड़ी क्षेत्र में रौनक लौट आई है। स्थानीय होटल, ढाबा और ट्रांसपोर्ट कारोबार से जुड़े लोगों को इससे काफी राहत मिली है। जहां एक ओर मौसम चुनौती बना हुआ है, वहीं श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह पहाड़ों में जीवन की गर्माहट भर रहे हैं।