

उत्तराखंड के बागेश्वर में एसओजी और कोतवाली पुलिस ने रविवार को पंजाब के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तस्करों से स्मैक की बड़ी खेप बरामद की है।
बागेश्वर: राज्य में नशामुक्ति अभियान के तहत एसओजी और कोतवाली पुलिस ने पंजाब के दो तस्करों को स्मैक के साथ गिरफ्तार किया है जिसकी कीमत 15 लाख रुपय आंकी गई है। दोनों तस्करों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपितों को गिरेछीना-बागेश्वर मोटर मार्ग के द्वारिकाछीना, अमसरकोट के समीप से गिरफ्तार किया।
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जानकारी के अनुसार रविवार को पुलिस गिरेछीना-बागेश्वर मोटर मार्ग पर चेकिंग पर थी। इस दौरान पुलिस ने वहां संदिग्ध हालत में बाजार की तरफ आ रहे दो पंजाबी युवाओं को रोका और उनसे पूछताछ की। तलाशी के दौरान उनसे 22.95 ग्राम अवैध स्मैक बरामद हुई।
तस्करों की पहचान सावनप्रीत सिंह (19) पुत्र कलदीप सिंह और हरगुरजीत सिंह पुत्र बुटा सिंह थाना तरनतारन, जिला तरनतारन, पंजाब निवासी के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि उनका आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। जिसके लिए पंजाब पुलिस से भी संपर्क साधा गया है। आरोपितों को न्यायालय में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में अल्मोड़ा जेल भेज दिया गया है।
पुलिस ने इस वर्ष अन्य साल से सबसे अधिक स्मैक पकड़ी है। पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना अधिक है। बरामद कर नशा तस्करों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
वहीं, एक सवाल भी तेजी से उठ रहा है कि पंजाब से बागेश्वर तक नशा तस्करी करने वालों को पहले क्यों नहीं दबोचा जा रहा है। इसबीच यहां बड़ी संख्या में अंतरराज्यीय लोग भी पहुंच रहे हैं।
पुलिस की चौकसी के कारण यह युवा दबोच लिए गए। शहर में यह भी चर्चा है कि इस तरह के अन्य लोग भी यहां लंबे समय से रह रहे हैं। उनका राजनीतिक दलों से संपर्क है। कपड़े आदि का व्यवसाय के नाम पर चरस आदि की तस्करी में लिप्त हैं। वहीं, लोगों के अनुसार पकड़े गए युवक यहां से चरस की खेप ले जाने वाले थे। लेकिन उससे पहले पुलिस ने पकड़ लिए।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राज्य को नशामुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। तस्करों को पकड़ने वाली टीम को कुमाऊं स्तर पर पुरस्कृत किया गया है।