

उत्तराखंड पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 14 में से 6 सीटें जीतकर PDA रणनीति की सफलता साबित की। स्थानीय मुद्दों और पारदर्शिता के वादों के साथ पार्टी ने ग्रामीण मतदाताओं का विश्वास जीता।
पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत
Haridwar: समाजवादी पार्टी ने उत्तराखंड में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 14 में से 6 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह जीत पार्टी की पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (PDA) रणनीति का प्रत्यक्ष परिणाम मानी जा रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी ने पंचायत स्तर पर मजबूती से चुनाव लड़ा। क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्य जैसे विभिन्न पदों पर पार्टी ने प्रत्याशी उतारे।
गांव-गांव जाकर किया जनसंपर्क
PDA की रणनीति के तहत समाजवादी कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव जाकर जनसंपर्क किया और ग्रामीण क्षेत्रों में बदहाल सफाई व्यवस्था, भ्रष्टाचार और मूलभूत सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दों को जनता के सामने रखा।
आपको बताते चलें कि स्थानीय समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पारदर्शिता और जवाबदेही के वादों के साथ वोट मांगे।
छह सीटों पर सपा की जीत
छह सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की जीत को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह है। इस अवसर पर मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद यादव ने सभी विजयी उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा कि यह जीत उत्तराखंड की देवतुल्य जनता की जीत है।
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बता दें कि उन्होंने आगे कहा कि पार्टी जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि आगामी चुनावों में भी समाजवादी पार्टी PDA रणनीति के तहत ही मैदान में उतरेगी।
इन लोगों ने जताई जीत की खुशी
इस मौके पर मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष अमित कुमार, मुंडियाँ पिस्तौर देहात से नवनिर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्य, अरविंद दिवाकर (उपविजेता चकरपुर), नितिन दिवाकर (ग्राम पंचायत सदस्य), सादक अली (पति, क्षेत्र पंचायत सदस्य धनसारा), अन्य सहयोगी कार्यकर्ता अंकित कश्यप, मोहम्मद आज़म, जगदीश, दबीर, रिहान और असगर ने भी पार्टी की इस सफलता पर खुशी जताई।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि समाजवादी पार्टी की यह जीत न सिर्फ संगठन की ताकत का प्रमाण है, बल्कि यह संकेत भी है कि उत्तराखंड की राजनीति में अब सपा एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रही है।