

हल्दूचौड़ और लालकुआं में करीब दस हजार राशन कार्ड ई-केवाईसी न होने से रद्द हो गए हैं। इससे गरीब परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। अब वे कार्ड पुनः सक्रिय कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
उत्तराखंड राशन कार्ड (IMG- Internet)
Nainital: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्दूचौड़ और लालकुआं इलाके के हजारों गरीब परिवारों पर इस बार दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ रसोई महंगी होती जा रही है और दूसरी ओर राशन कार्ड रद्द होने से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा। वजह साफ है। जिन लोगों ने समय पर ई-केवाईसी नहीं कराई थी, उनके करीब दस हजार राशन कार्ड अब अमान्य कर दिए गए हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग ने सॉफ्टवेयर से इन कार्डों को हटा दिया है और अब इन पर राशन मिलना पूरी तरह बंद हो गया है।
बड़ी संख्या में ग्रामीण और शहरी गरीब परिवार अब हल्द्वानी के खाद्य विभाग दफ्तर और सीएससी केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें दोबारा ई-केवाईसी कराकर कार्ड को चालू कराने की उम्मीद है, लेकिन प्रक्रिया लंबी है और हर दिन दफ्तरों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। राशन डीलरों ने भी साफ कह दिया है कि बिना वैध कार्ड के कोई भी खाद्यान्न नहीं दिया जाएगा।
सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को गेहूं चावल और नमक जैसी जरूरी चीजें मुफ्त या रियायती दरों पर मिलती हैं। लेकिन योजना का लाभ पाने के लिए समय-समय पर जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करनी होती हैं। ई-केवाईसी उनमें से एक है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने पिछले कई महीनों से इसको लेकर प्रचार किया था। बार-बार चेतावनी भी दी गई। लेकिन हजारों परिवार फिर भी इसे कराने में असफल रहे।
गांवों के लोगों को अब उम्मीद बंधी है क्योंकि पंचायत चुनाव के कारण जो योजनाएं रुकी थीं, उन्हें फिर से शुरू किया गया है। जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन ने बताया कि आचार संहिता हटने के बाद मुख्यमंत्री नमक और दाल वितरण योजना दोबारा चालू कर दी गई है। साथ ही जिनका राशन कार्ड नहीं बना था उनके नए कार्ड भी तैयार किए जा रहे हैं। हालांकि जो कार्ड पहले से थे और उनका ई-केवाईसी नहीं हुआ है उन्हें तब तक कोई लाभ नहीं मिलेगा जब तक प्रक्रिया पूरी न हो जाए।
स्थिति यह है कि खाद्य आपूर्ति विभाग का दफ्तर हर दिन लोगों से खचाखच भरा रहता है। कर्मचारी भी परेशान हैं और लोग भी। कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें ई-केवाईसी की जानकारी नहीं मिली जबकि कई ने बताया कि वे कई बार लाइन में लगे मगर सर्वर डाउन होने के कारण काम नहीं हो सका। अब देखना यह होगा कि विभाग इस समस्या से कैसे निपटता है और कितने कार्ड दोबारा चालू हो पाते हैं।