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रामनगर मांस विवाद के मुख्य आरोपी बनाए गए भाजपा नेता मदन जोशी के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर उत्पीड़न और दबाव के आरोप लगाए। परिजनों से मिलने पहुंचे विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा परिवार के साथ खड़ी है और निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
रामनगर मांस विवाद
Nainital: रामनगर के बहुचर्चित मांस विवाद में मुख्य आरोपी बनाए गए भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष मदन जोशी और उनके परिवार के समर्थन में गुरुवार को क्षेत्रीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट उनके निवास पहुंचे। इस दौरान विधायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और साफ कहा कि भारतीय जनता पार्टी जोशी परिवार के साथ खड़ी है।
मदन जोशी की धर्मपत्नी ने मीडिया के सामने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि पुलिस दिन में दो-दो बार घर पहुंचती है, लेकिन किसी भी बार महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं रहती। महिला का कहना है कि पुरुष पुलिसकर्मी जबरन घर में प्रवेश करते हैं, धमकाते हैं और कहते हैं, “दरवाजे-चौखट तोड़कर फेंक देंगे, सड़क पर ला देंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि लगातार पुलिस के दबाव और तनाव के चलते उनके ससुर को दिल का दौरा पड़ गया। महिला ने कहा, “अगर भविष्य में परिवार के किसी सदस्य के साथ अनहोनी होती है, तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।”
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परिजनों ने घटना से जुड़े प्रारंभिक फोन कॉल पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि जिस व्यक्ति ने पहली बार गो-मांस लाए जाने की सूचना दी, उसकी भूमिका संदिग्ध है और जांच होनी चाहिए। परिवार का दावा है कि मदन जोशी बिना कारण मौके पर नहीं गए थे, वहां उनका पैतृक घर है और लोग उन पर भरोसा करते हैं।

परिवार ने यह भी बताया कि 10 दिसंबर 2026 की तिथि वाला कुर्की नोटिस उनके घर के बाहर चस्पा किया गया है। उनका कहना है कि जब कागजात स्वीकार किए जा रहे हैं, तो इतनी जल्दबाजी क्यों? उन्होंने आरोप लगाया, “कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बिना महिला पुलिस के घर में घुसना गलत है। घर में बच्चे और बुजुर्ग हैं, कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा?”
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने परिवार की समस्याएँ सुनने के बाद पुलिस पर सवाल दागे। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस बिना महिला कांस्टेबल के घर में दाखिल हुई है तो यह पूरी तरह गलत है। विधायक ने कहा, “मदन जोशी के पिता पहले से हार्ट के मरीज हैं। जिस तरीके से पुलिस ने बात की, वह संवेदनहीन है। कानून के अनुसार कार्रवाई हो, लेकिन तरीके सही होने चाहिए।”