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नैनीताल में सात साल बाद आयोजित विंटर कार्निवाल का समापन बिरला चुंगी से कैंचीधाम तक 13 किलोमीटर की ट्रैकिंग के साथ हुआ। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने यात्रा को हरी झंडी दिखाकर स्वयं भी प्रतिभाग किया। इस पुराने पैदल मार्ग को ईको ट्यूरिज्म के तौर पर विकसित करने की योजना पर जोर दिया गया।
ट्रैकिंग से जुड़ा ईको-टूरिज्म का नया अध्याय
Nainital: उत्तराखंड के नैनीताल में सात साल बाद आयोजित चार दिवसीय विंटर कार्निवाल का समापन इस बार खास माहौल के साथ हुआ। बिरला चुंगी से कैंचीधाम तक की ट्रैकिंग के लिए 50 से अधिक लोगों का दल रवाना हुआ, जिसमें 20 बच्चे भी शामिल थे। यह यात्रा लगभग 13 किलोमीटर लंबी थी और इसका उद्देश्य पुराने पैदल मार्ग को फिर से लोकप्रिय बनाना था, ताकि पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कर सकें।
यात्रा की शुरुआत कुमाऊं आयुक्त व मुख्यमंत्री सचिव दीपक रावत ने हरी झंडी दिखाकर की। उन्होंने खुद भी प्रतिभागियों के साथ पैदल यात्रा पूरी की। दीपक रावत ने कहा कि बिरला चुंगी से कैंचीधाम तक का मार्ग बेहद खूबसूरत है और इसे ईको-टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। इस मार्ग का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम करेगा।
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ट्रैकिंग में स्थानीय लोग, विद्यार्थी और महिलाएं सक्रिय रूप से शामिल हुए। सभी ने प्राकृतिक वातावरण का आनंद लिया और नीम करौरी बाबा के दर्शन किए। कुमाऊं आयुक्त ने बताया कि इस मार्ग के विकास से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी और ट्रैफिक दबाव भी कम होगा।
जंगल, पहाड़ और पक्षियों की मौजूदगी इस ट्रैक को विशेष बनाती है। यह ट्रैक भविष्य में पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा कारण बनेगा। कुमाऊं मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक विनीत तोमर ने कहा कि आगे इसे बेहतर सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा, जिससे पैदल यात्रा सहज और सुरक्षित बन सके।
ट्रैकिंग के दौरान नेचर गाइड जीवन सिंह धामी ने प्रतिभागियों को स्थानीय वनस्पतियों, प्रवासी पक्षियों और क्षेत्र की प्राकृतिक विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। इस दौरान ट्रैक पर सफाई अभियान भी चलाया गया, जिसमें प्लास्टिक और अन्य कचरे को इकट्ठा कर हटाया गया।
इस कार्यक्रम में जिला पर्यटन विकास अधिकारी अतुल भंडारी, नैनीताल व्यापार मंडल के त्रिभुवन फर्त्याल, देवेंद्र रावत, नवीन भट्ट, मोहित लाल साह, दीपक कुमार, करण वर्मा सहित कई प्रतिभागी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि यह कदम नैनीताल के पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण साबित होगा।
यह ट्रैकिंग केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं बल्कि ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। स्थानीय समुदाय और प्रशासन दोनों ने इसे सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
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ट्रैकिंग में शामिल बच्चों और पर्यटकों ने प्राकृतिक वातावरण और पहाड़ों की सुंदरता का भरपूर आनंद लिया। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि लोगों को प्रकृति के करीब लाती हैं।