हिंदी
नैनीताल–अल्मोड़ा हाईवे पर शनिवार शाम करीब छह बजे एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। कैंचीधाम और रातीघाट के बीच एक XUV500 कार अचानक अनियंत्रित होकर लगभग 60 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसा इतना भीषण था कि कार में सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई,
शादी की खुशियों में छाया मातम
Nainital: नैनीताल–अल्मोड़ा हाईवे पर शनिवार शाम करीब छह बजे एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। कैंचीधाम और रातीघाट के बीच एक XUV500 कार अचानक अनियंत्रित होकर लगभग 60 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसा इतना भीषण था कि कार में सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर अवस्था में मिला। चारों लोग अल्मोड़ा जिले के निवासी और पेशे से शिक्षक बताए जा रहे हैं।
ये सभी हौलबाग से हल्द्वानी एक बारात में शामिल होने जा रहे थे।
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार सवार युवक कैंचीधाम के पास एक चाय की दुकान पर कुछ देर के लिए रुके थे। वहीं उन्होंने अपनी कार पार्क की थी। अंदेशा जताया जा रहा है कि गाड़ी न्यूट्रल में छोड़ दी गई थी और चालक ने हैंडब्रेक नहीं लगाया था। इसी वजह से कार धीरे-धीरे पीछे खिसकती हुई तेज ढलान की ओर बढ़ गई और देखते ही देखते गहरी खाई में गिर गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, घटना किसी ने होते हुए नहीं देखी, लेकिन गाड़ी गिरने की आवाज और धूल उठने पर लोग मौके पर पहुंचे।
हादसे की सूचना मिलते ही SDRF खैरना पोस्ट की टीम मौके पर पहुँची। रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व इंस्पेक्टर राजेश जोशी ने किया। टीम ने कठिन परिस्थितियों के बीच खाई में उतरकर तीनों शवों को बाहर निकाला और पुलिस के सुपुर्द किया। कार से गंभीर हालत में मिले मनोज कुमार को तत्काल भवाली सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। उनकी हालत अभी भी चिंताजनक बताई जा रही है।
हादसे में जान गंवाने वाले तीनों लोगों की पहचान संजय बिष्ट सुरेंद्र भंडारी और पुष्कर भैसोड़ा के रूप में हुई है। ये तीनों शिक्षक समुदाय से जुड़े थे और स्थानीय रूप से सम्मानित चेहरे माने जाते थे। इस घटना की खबर जैसे ही उनके गांव पहुँची, परिजनों में कोहराम मच गया और पूरे अल्मोड़ा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
नैनीताल–अल्मोड़ा हाईवे पर बढ़ते ट्रैफिक और तीखे मोड़ों के कारण हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने वाहन चालकों से हिल एरिया में अतिरिक्त सावधानी बरतने, वाहन पार्क करते समय हैंडब्रेक लगाने, गियर लॉक करने और ढलान पर पत्थर लगाकर सुरक्षित पार्किंग सुनिश्चित करने की अपील की है।
यह दर्दनाक हादसा न केवल चार परिवारों के लिए सदमे का कारण बना है, बल्कि फिर यह सवाल खड़ा कर गया है कि पहाड़ी मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि हादसे की विस्तृत जांच होगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।