

नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव विवाद पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन फैसला टल गया। अब 19 अगस्त को फिर से सुनवाई होगी। अदालत ने SSP और DM से शपथपत्र तलब किए और पुलिस की नाकामी पर सवाल उठाए।
Nainital: नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर मचा विवाद अब उत्तराखंड हाईकोर्ट की निगरानी में है। सोमवार को इस मामले में मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में सुनवाई हुई, लेकिन फिलहाल अदालत ने कोई अंतिम निर्णय नहीं सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि मामले की गहन सुनवाई अब मंगलवार, 19 अगस्त को भी जारी रहेगी।
चुनाव के दौरान कथित गड़बड़ियों, जबरन पंचायती सदस्यों को उठाने और मतदान केंद्र के पास हथियारबंद लोगों की मौजूदगी को लेकर याचिकाएं दायर की गई थीं। सोमवार को कोर्ट में उन पांच पंचायत सदस्यों को पेश किया गया जिन्हें चुनाव के दिन कथित रूप से जबरन उठाया गया था, हालांकि अदालत ने उनसे कोई सवाल नहीं किया।
कोर्ट ने इस दौरान मतदान स्थल के 200 मीटर के दायरे में हथियारबंद गिरोह की उपस्थिति को गंभीर मामला मानते हुए इसे पुलिस की विफलता करार दिया। इसी संदर्भ में अदालत ने नैनीताल के एसएसपी से विस्तृत शपथपत्र तलब किया है, जिसमें घटना से संबंधित पूरी जानकारी मांगी गई है।
वहीं, नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत को अवगत कराया कि 15 अगस्त की सुबह 3 बजे मतगणना पूरी कराई गई थी, जो नियमों के तहत संपन्न हुई थी। उन्होंने यह भी बताया कि मतपत्रों को ट्रेजरी के लॉकर में सुरक्षित रखा गया है, जिन्हें अदालत में प्रस्तुत किया गया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी से भी शपथपत्र के रूप में पूरी रिपोर्ट मांगी है।
सोमवार की सुनवाई में चुनाव की पारदर्शिता और प्रशासनिक भूमिका को लेकर कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई, लेकिन रिपोलिंग को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है। मामले की अगली सुनवाई में अदालत प्रशासनिक और कानूनी पक्षों की गहराई से जांच करेगी।
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अब सबकी निगाहें मंगलवार की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां तय होगा कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की वैधता को लेकर अदालत क्या रुख अपनाती है।
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