

नानकमत्ता गुरुद्वारा बहुचर्चित हत्याकांड मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की। फैसले के वक्त अदालत ने की अहम टिप्पणी करते हुए आरोपी बाबा अनूप सिंह उर्फ भाई अनूप सिंह को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकल पीठ के सामने मामले की सुनवाई हुई।
नैनीताल हाईकोर्ट
Nainital: नैनीताल उच्च न्यायालय ने नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा में तरसेम सिंह हत्याकांड के आरोपी बाबा अनूप सिंह उर्फ भाई अनूप सिंह को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकल पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। न्यायालय ने कहा कि किसी व्यक्ति को केवल एक फोन कॉल या पुरानी दुश्मनी के आधार पर साजिश का दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
बचाव पक्ष ने कहा कि इस तरह की एक अकेली कॉल आरोपी को हत्या की साजिश में फंसाने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती। बचाव पक्ष ने ये भी दलील दी कि अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी को कथित तौर पर छह नवंबर 2023 को एक शूटर की पत्नी से एक फोन आया था, जबकि वारदात महीनों बाद 28 मार्च, 2024 को हुई थी।
मामले को जमानत के लिए उपयुक्त मानते हुए, न्यायालय ने आदेश दिया कि आवेदक को दो विश्वसनीय जमानतदार और एक निजी मुचलका प्रस्तुत करने पर रिहा कर दिया जाए।
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इस मामले में राज्य सरकार ने तर्क दिया कि बाबा अनूप सिंह ने तरसेम सिंह की हत्या की साजिश रची, उसके लिए वित्तीय सहायता प्रदान की और सह-आरोपियों के साथ लगातार संपर्क में रहे । यह भी कहा गया कि आरोपी घटना के बाद लगभग एक साल तक फरार रहा जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
गौरतलब है कि 28 मार्च, 2024 को, मोटरसाइकिल सवार दो हमलावरों ने गुरुद्वारे के लंगर हॉल में बैठे तरसेम सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद बाबा अनूप सिंह सहित कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
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सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 34 और 120-बी और शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25 के तहत मामला दर्ज किया गया।
यह टिप्पणी आने वाले समय में ऐसे मामलों में मापदंड के रूप में देखी जा सकती है। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब बाबा अनूप सिंह की रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मामले की अगली सुनवाई में पुलिस को पुख्ता सबूतों के साथ अदालत में उपस्थित होना होगा।