

उत्तराखंड में देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ लगातार हिंसा और बहिष्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं। मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले लोगों को काफी हद तक प्रशासन भी साथ देता है। ताजा मामला उत्तराखंड के पौड़ी गढवाल से सामने आया हैं। मुस्लिम शख्स के साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि जबरन ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाए गए और उसकी दाढ़ी पकड़कर काटने की कोशिश की गई। इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
पौड़ी गढ़वाल में मुस्लिम शख्स से बदसलूकी
Uttarakhand: उत्तराखंड से एक और दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने एक बार फिर देव भूमि को शर्मसार कर दिया। जहां एक मुस्लिम शख्स के साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि जबरन 'जय श्री राम' के नारे लगवाए गए और उसकी दाढ़ी पकड़कर काटने की कोशिश की गई। इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह पूरा मामला उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर कोतवाली क्षेत्र का है। यहां एक दुकान पर चाय पीने गए मुस्लिम बुजुर्ग की हिंदूवादी संगठन से जुड़े तीन लोगों ने बेरहमी से पिटाई की। इतना ही नहीं आरोपियों ने पीड़ित को जातिसूचक भद्दी गालियां भी दीं। इस घटना की वीडियो सामने आने के बाद उत्तराखंड में मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
पुलिस एक्शन
पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी पीड़ित रिजवान अहमद की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी(FIR) के अनुसार, यह घटना 15 अगस्त को शाम करीब 4 बजे डुंगरीपंथ के पास एक चाय की दुकान पर हुई।
पीड़ित रिजवान अहमद की शिकायत में कहा गया है, “मैं राकेश लाल की चाय की दुकान पर चाय पीने गया था। दुकान के अंदर पहले से ही तीन लोग शराब के नशे में धुत थे। उनमें से एक, मुकेश भट्ट ने मुझसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा। अहमद ने आरोप लगाया कि जब उसने मना किया, तो भट्ट और उसके दो साथियों ने उसके साथ मारपीट की, गाली-गलौज की और धमकाया।
वीडियो वायरल
घटना के एक वीडियो में तीनों आरोपियों द्वारा पीट-पीटकर उस व्यक्ति को खून से लथपथ दिखाया गया है। एक अन्य व्यक्ति घटना का वीडियो बना रहा था, जबकि चाय की दुकान का मालिक देखता रहा। वीडियो में अहमद को आरोपियों द्वारा सांप्रदायिक गालियां दी जा रही थीं। उनमें से एक व्यक्ति उससे पूछ रहा है कि वह स्वतंत्रता दिवस पर ‘भारत माता की जय’ क्यों नहीं बोल सकता, जबकि दूसरा कहता है, ‘अगर तुम्हें हिंदुस्तान में रहना है, तो तुम्हें जय श्री राम का नारा लगाना होगा।’