

उत्तराखंड में भारी बारिश से पहाड़ी इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। 12 अगस्त तक कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं और भी बढ़ सकती हैं।
उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही (Img- Internet)
Dehradun: उत्तराखंड में मानसून ने रौद्र रूप धारण किया हुआ है, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी तबाही हुई है। वहीं बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर और नैनीताल जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। 12 अगस्त तक इन इलाकों में भारी बारिश की संभावना है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं और भी बढ़ सकती हैं।
राज्य सरकार ने स्थिति को देखते हुए स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है और लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली में राहत कार्यों का जायजा लिया और बचाव दल को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ और थलीसैंण ब्लॉकों में बुधवार को बादल फटने के कारण कई घर बह गए और बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। सड़कों और पुलों को भी भारी नुकसान हुआ है। इस आपदा के बाद प्रशासन राहत कार्यों में सक्रिय है और मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।
चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में भी लगातार हो रही बारिश के कारण सलधार के पास राजमार्ग का करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया है, जिससे क्षेत्र का संपर्क अन्य स्थानों से टूट गया है। प्रशासन ने युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है ताकि जल्द से जल्द संपर्क बहाल किया जा सके।
हिमाचल प्रदेश में भी बारिश का तांडव जारी है। राज्य के कई हिस्सों में बुधवार को रुक-रुक कर बारिश हुई, जबकि शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। शिमला के दर्शल में बुधवार देर रात बादल फटने के कारण टेकलेच बाजार में बाढ़ आ गई, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, क्योंकि प्रशासन ने समय रहते आसपास के घरों को खाली करा लिया था।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और बाढ़ की घटनाओं से कई लोग प्रभावित हुए हैं। दोनों राज्यों की सरकारें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। इसके साथ ही, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक इन दोनों राज्यों में और अधिक बारिश की आशंका जताई है, जिससे स्थितियां और गंभीर हो सकती हैं।