

हरिद्वार के बहादराबाद में महिलाओं ने शराब के ठेके को हटाने की मांग की है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
हरिद्वार: जनपद के बहादराबाद के रानीपुर झाल में शराब की दुकान हटाने को लेकर महिलाओं ने जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया और दुकान पर तालेबंदी की। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस दुकान को अविलंब किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गुस्साए लोगों ने अंग्रेजी और देसी ठेके के खिलाफ प्रदर्शन कर तालाबंदी की।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि ठेके के आसपास दिनभर शराबियों का जमघट लगा रहता है। वे राह चलते लोगों पर भद्दे कमेंट पास करते हैं। जिससे महिलाओं और स्कूली बच्चों का गुजरना भी मुश्किल हो जाता है।
जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में महिलाएं हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर शराब की दुकान के सामने इकट्ठा हुईं और जमकर नारेबाज़ी की। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस दुकान को अविलंब किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। ताकि इलाके में शांति रहे।
उन्होंने कहा कि आसपास पूरी तरह से आवासीय इलाका है। इसके आसपास कई प्ले स्कूल, शैक्षणिक संस्थान और एक अस्पताल स्थित है। ऐसे में वहां शराब की दुकान होना अनुचित है, बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा और सामाजिक माहौल के लिए भी घातक सिद्ध होगा।
स्थानीय लोगों का कहना कि दो महीने पहले ठेके को स्थानांतरित करने की मांग की गई थी लेकिन प्रशासन की तरफ से अब तक केवल आश्वासन ही मिला लेकिन ठेके को अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया गया।
घटना की सूचना मिलने पर आबकारी अधिकारी कैलाश बिनजोल मौके पर पहुंचे लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनका भी जमकर विरोध किया। अधिकारी सिर्फ राजस्व हानि की बात करते रहे लेकिन जनता की समस्याओं पर चुप्पी साधे रहे।
लोगों ने कहा कि अधिकारी लगातार ठेका संचालक का ही पक्ष ले रहे हैं जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है।
प्रदर्शनकारी अब सीधे मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय महिला डॉ. चित्रा शर्मा ने बताया कि ठेक को हटाने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया गया था। लेकिन मिलीभगत के चलते ये ठेका यहां से हटाना नहीं चाहते हैं। ठेके के कारण शराबी बीच रास्ते में बैठे रहते हैं और आने जाने वाली महिलाओं पर भद्दी फब्तियां कसते हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं को यहां से गुजरने में बड़ी शर्मिंदगी महसूस होती है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें ना मानी गई तो आंदोलन और तेज होगा। अब देखना है शासन प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है?