

देवभूमि उत्तराखंड की पवित्र नगरी हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय ने मंगलवार को इतिहास रच दिया। हरिद्वार में एआई महाशक्ति का महाकुंभ… देव संस्कृति विश्वविद्यालय में विज्ञान और अध्यात्म का अनोखा संगम पढ़ें पूरी खबर
हरिद्वार: देवभूमि उत्तराखंड की पवित्र नगरी हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय ने मंगलवार को इतिहास रच दिया। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित एआई विश्वास एवं भविष्य महासम्मेलन में देश-विदेश के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, शोधार्थी और गणमान्य अतिथि एकजुट हुए। सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के आधुनिक उपयोग, भविष्य की संभावनाओं और विज्ञान व अध्यात्म के समन्वय पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
एआई के माध्यम से वैश्विक मंच तक पहुंचाना
कार्यक्रम का शुभारंभ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति एवं युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पंड्या सहित अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आधुनिक युग में एआई मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा और औद्योगिक क्षेत्रों में इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एआई को केवल तकनीकी दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक मूल्यों के साथ जोड़ना चाहिए। भारत की सनातन संस्कृति और ज्ञान परंपरा को एआई के माध्यम से वैश्विक मंच तक पहुंचाना समय की मांग है।
ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्मिकता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में देव संस्कृति विश्वविद्यालय को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सम्मेलन विज्ञान और अध्यात्म के समन्वय का अद्वितीय उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति केवल आस्था पर आधारित नहीं है, बल्कि इसमें गहरी वैज्ञानिक दृष्टि और शोधपरक चिंतन भी निहित है। यही कारण है कि भारत का ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्मिकता आज भी विश्व में विशेष स्थान रखता है।
संभावित लाभों और चुनौतियों पर प्रकाश
सम्मेलन में पाश्चात्य देशों से आए विशेषज्ञों ने एआई को भविष्य की अनिवार्यता बताते हुए इसके संभावित लाभों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। वहीं भारतीय वैज्ञानिकों ने इस तकनीक को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए मानव कल्याण और वैश्विक शांति में इसके योगदान पर बल दिया।
आयोजन में उत्साहपूर्वक सहभागिता
इस ऐतिहासिक अवसर पर राज्य मंत्री डॉ. यशपाल सिंह चौहान, ओम प्रकाश जमदग्नि, सुनील सैनी, जिला अध्यक्ष आशुतोष शर्मा, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोड़े सहित जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी इस आयोजन में उत्साहपूर्वक सहभागिता की। सम्मेलन ने साबित किया कि भारत में विज्ञान और अध्यात्म का संगम केवल दर्शन नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने का सशक्त मार्ग है।
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