

हरिद्वार पुलिस ने अभिभावकों से बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक विशेष अपील की है। पुलिस का कहना है कि बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए जरूरी है कि अभिभावक सतर्क रहें और समय-समय पर स्कूल बस ड्राइवर व कंडक्टर से संवाद करते रहें। यह कदम न केवल बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा।
बस स्टाफ से करें नियमित संवाद
Haridwar:हरिद्वार पुलिस ने अभिभावकों से बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक विशेष अपील की है। पुलिस का कहना है कि बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए जरूरी है कि अभिभावक सतर्क रहें और समय-समय पर स्कूल बस ड्राइवर व कंडक्टर से संवाद करते रहें। यह कदम न केवल बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अक्सर देखा गया है कि बच्चे यात्रा के दौरान कई बार असहज महसूस करते हैं, लेकिन डर या झिझक की वजह से अपने माता-पिता से यह बातें साझा नहीं कर पाते। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों से लगातार बातचीत करें और यह जानें कि बस की यात्रा के दौरान उनका अनुभव कैसा रहता है। ड्राइवर व कंडक्टर का व्यवहार कैसा है, बस में अनुशासन और सुरक्षा की स्थिति कैसी है तथा सहपाठियों के साथ बच्चों का कैसा तालमेल है—यह सब जानकारी माता-पिता को समय-समय पर लेनी चाहिए।
हरिद्वार पुलिस का कहना है कि बच्चों का स्कूल से घर तक का सफर छोटा जरूर होता है, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। थोड़ी सी सतर्कता और नियमित संवाद बच्चों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि यह जिम्मेदारी केवल पुलिस या स्कूल की नहीं है, बल्कि अभिभावकों की भी उतनी ही है।
अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बस स्टाफ जिम्मेदारी से काम कर रहा है और वाहन में सभी सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा है। इस प्रक्रिया से बच्चों के अंदर आत्मविश्वास और मानसिक शांति बनी रहेगी।
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पुलिस ने दो टूक कहा है कि सतर्कता ही सुरक्षित भविष्य की गारंटी है। सुरक्षित बचपन ही उज्ज्वल कल की नींव है। इसलिए हर अभिभावक का यह कर्तव्य बनता है कि वे बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और किसी भी लापरवाही की स्थिति में तुरंत स्कूल प्रशासन और पुलिस से संपर्क करें।
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