

हरिद्वार में रविवार को युवा कांग्रेस महानगर इकाई ने भारतीय निर्वाचन आयोग के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव सागर बेनीवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग की हालिया कार्यशैली ने देश के लोकतंत्र और संविधान पर गहरा संकट खड़ा कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत है।
युवा कांग्रेस का प्रदर्शन
Haridwar: हरिद्वार में रविवार को युवा कांग्रेस महानगर इकाई ने भारतीय निर्वाचन आयोग के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। जटवाड़ा पुल पर आयोजित इस प्रदर्शन में आयोग का पुतला दहन किया गया। इस मौके पर युवा कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष निखिल सोदाई ने अनोखे तरीके से विरोध जताते हुए अपना मुंडन करवाया और निर्वाचन आयोग का प्रतीकात्मक पिंडदान किया।
युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव सागर बेनीवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग की हालिया कार्यशैली ने देश के लोकतंत्र और संविधान पर गहरा संकट खड़ा कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत है।
महानगर अध्यक्ष विशाल प्रधान ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने देशवासियों को जो मताधिकार दिया, उसे संघ और आरएसएस की मिलीभगत से निर्वाचन आयोग कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता की आवाज को दबाने का प्रयास है।
युवा कांग्रेस नेता कृत बिरला ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा हमेशा से जनता का जनादेश छीनकर, वोटों की चोरी करके सत्ता में आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रवृत्ति भारतीय लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
प्रदर्शन के दौरान मौजूद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए निर्वाचन आयोग से निष्पक्षता बनाए रखने और लोकतंत्र की रक्षा करने की मांग की। उनका कहना था कि यदि आयोग ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया तो आने वाले समय में यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।
इस विरोध कार्यक्रम में अत्तर, कृतिक बिरला, अंसारी, शहजाद कुरैशी, नोमान अली, महरूफ सलमानी, सैफ अली, निखिल सौदाई, शहजाद अली, अर्जुन कर्णवाल, शुभम चौहान, सागर, फरमान अली, नदीम अली, जोनी, आसिफ सहित बड़ी संख्या में युवा कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
युवा कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि उनका संघर्ष मताधिकार की रक्षा और संविधान की गरिमा बनाए रखने के लिए है। उनका कहना है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए सड़कों से संसद तक हर संभव लड़ाई लड़ी जाएगी।