हिंदी
पूर्व कबड्डी प्लेयर और अर्जुन पुरस्कार विजेता दीपक हुड्डा को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। हरिद्वार की हरकी पैड़ी के पास स्नान करने के दौरान उनके साथ हादसा हो गया।
बाल-बाल बचे दीपक हुड्डा
Haridwar: भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान, एशियन गोल्ड मेडलिस्ट और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित खिलाड़ी दीपक हुड्डा हरकी पैड़ी के पास चामुंडा घाट में स्नान के दौरान अचानक गंगा नदी के तेज बहाव में बह गए। जिसे देख उनके साथ मौजूद लोगों के होश उड़ गए।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार इसी बीच मौके पर तैनात 40वीं वाहिनी पीएसी की टीम ने तत्काल समय न गंवाते हुए राफ्ट लेकर रेस्क्यू के लिए निकले। वहीं, गंगा के तेज बहाव और चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में दीपक हुड्डा का सफल रेस्क्यू किया गया।
बता दें कि दीपक हुड्डा कबड्डी के पूर्व कप्तान रह चुके हैं। वे भारत को कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गौरव दिला चुके हैं। उनकी पत्नी स्वीटी बूरा खुद एक इंटरनेशनल बॉक्सर हैं। उन्हें भी अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। जबकि, दीपक हुड्डा भी अर्जुन पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं।
गंगा में डूबे दीपक हुड्डा
दीपक हुड्डा जब मात्र 4 साल के थे, उनके पिता का निधन हो गया। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण दीपक ने खेती में हाथ बंटाया और फिर स्कूल में सफाई कर्मचारी की नौकरी भी की लेकिन कबड्डी के प्रति जुनून कभी कम नहीं हुआ। स्कूल के बाद वे रोज़ प्रैक्टिस करते, टूर्नामेंट खेलते और खुद को निखारते रहे।
2014 में जब पहली बार प्रो कबड्डी लीग (PKL) शुरू हुई, तो दीपक को तेलुगु टाइटन्स ने खरीदा। वहां से उनका सितारा चमकने लगा।
गौरतलब है कि सावन का महीना चल रहा है और आज सावन मेले का अंतिम दिन था। ऐसे में पवित्र स्नान और गंगा जल भरने के लिए लोग हरिद्वार पहुंच रहे हैं। हालांकि, कांवड़ मेले का समापन हो चुका है।
इस बार कांवड़ मेला 11 जुलाई से शुरू हुआ, जो 23 जुलाई तक चला। आंकड़ों की बात करें तो 11 जुलाई से 22 जुलाई तक 4 करोड़ 13 लाख कांवड़िए गंगा जल भरकर अपने-अपने गंतव्यों की ओर निकले।
वहीं, साल 2024 के कांवड़ मेले के दौरान करीब 250 कांवड़ियों को एसडीआरएफ ने डूबने से बचाया था। आज सावन शिवरात्रि है, ऐसे में गंगा जल भरने वाले लोग लगातार आ रहे हैं। जो गंगा में डुबकी लगाकर जल अपने साथ लेकर जा रहे हैं, जो शिवालयों और मंदिरों में जलाभिषेक कर रहे हैं। अभी भी हरिद्वार के हरकी पैड़ी समेत तमाम घाटों पर हुजूम देखने को मिल रहा है।