Haridwar: कांवड़ यात्रा में परिंदा भी पर नहीं मार सकता, जानिए कैसे हैं यात्रा के इंतजाम

सावन के महीने में हर साल कावड़ यात्रा होती है, जिसमें 2 से 3 करोड़ कावड़िये हरिद्वार में गंगाजल लेने पहुंचते हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: रवि पंत
Updated : 22 June 2025, 3:32 PM IST
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हरिद्वार: श्रावण मास में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर प्रशासन ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार यात्रा में हाईटेक तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) की ओर से ‘नभनेत्र’ नामक विशेष ड्रोन सिस्टम के जरिए कांवड़ यात्रा की निगरानी की जाएगी।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार इस हाईटेक ड्रोन की मदद से हरिद्वार सहित प्रमुख कांवड़ मार्गों पर यात्री आवागमन, भीड़ नियंत्रण और आपात स्थिति की तत्काल पहचान की जाएगी। इस संबंध में हाल ही में हुई बैठक की अध्यक्षता डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने की। उन्होंने बताया कि इस बार कांवड़ यात्रा में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी, जिसके लिए ड्रोन से हवाई निगरानी की जाएगी।

यात्रा के दौरान ‘सचेत’ मोबाइल एप के माध्यम से कांवड़ियों को मौसम से जुड़ी जानकारी, मार्ग स्थिति और आपदा अलर्ट जैसी अहम सूचनाएं तुरंत मिलती रहेंगी। साथ ही आपात स्थिति में सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 112, 1070 और 1077 की जानकारी भी प्रमुख रूप से प्रचारित की जाएगी।

डीआईजी नेगी ने जानकारी दी कि SDRF, NDRF और जल पुलिस की विशेष टीमें तैनात की जाएंगी। इसके अलावा आपदा से निपटने के लिए 60 प्रशिक्षित ‘आपदा मित्र’ भी मार्गों पर उपलब्ध रहेंगे। संयुक्त सचिव विक्रम सिंह और संयुक्त कार्यकारी अधिकारी अंसारी जी सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लेकर सुरक्षा प्रबंधन की रूपरेखा तैयार की।

प्रशासन ने कांवड़ मार्ग पर भीड़ नियंत्रण, प्राथमिक चिकित्सा, जल सेवा और ट्रैफिक व्यवस्था के लिए भी समुचित योजनाएं बनाई हैं। इस वर्ष अनुमान है कि हरिद्वार में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच सकते हैं, ऐसे में प्रशासन तकनीक और संसाधनों का भरपूर उपयोग कर यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।

गंगा घाटों पर भी कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। बैठक के दौरान सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरफ, जल पुलिस के अलावा 60 आपदा मित्र भी गंगा घाटों में तैनात रहेंगे। कांगड़ा घाट में सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाएंगे। एनडीआरएफ की एक टीम कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में तैनात रहेगी और जरूरत पड़ने पर देहरादून से अतिरिक्त टीमों को रवाना किया जाएगा।

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